जंक्शन पर पैसेंजर्स गर्मी और अव्यवस्थाओं से दिखे परेशान, बोले- सफर में घुटता है दम

-पंखे बंद होने पर जमीन में बैठकर बस का इंतजार करते रहे पैसेंजर

-ठंडा पानी न मिलने पर जूस और पानी की बॉटल खरीदकर बुझाई प्यास

बरेली: वेडनसडे को दैनिक जागरण आइनेक्स्ट की टीम ने सैटेलाइट बस स्टेशन पर पड़ताल की. इस दौरान पैसेंजर जहां एक ओर गर्मी से परेशान दिखे, वहीं दूसरी ओर वे अव्यवस्थाओं से काफी नाराज भी दिखे. गर्मी और धूप से परेशान पैसेंजर जब अपने गंतव्य की ओर जाने के लिए बस स्टेशन पर पहुंचे तो कई पैसेंजर्स की बस स्टॉप पर नहीं थी. इसके बाद वे बस का वेट करने के लिए बेंचों पर बैठ गए. लेकिन वहां पंखे नहीं चल रहे थे. इससे पैसेंजर जमीन पर बैठकर ही बस का इंतजार करने लगे. वहीं बसों में सवार पैसेंजर भी गर्मी से काफी परेशान दिखे. पूछने पर पैसेंजर्स ने बताया कि गर्मी से अब दम घुटने लगा है. सफर के दौरान तो ऐसा लगता है कि जान निकल जाएगी. लगता है भगवान हमारा इम्तिहान ले रहे हैं.

बंद पंखे ज्यादा तकलीफ देते

जंक्शन पर पंखे न चलने से कई पैसेंजर परेशान दिखे. बेंच पर बैठकर बसों का इंतजार कर रहे पैसेंजर्स ने बताया कि इतनी गर्मी है और पंखे खराब पड़े हुए हैं. अधिकारी खुद तो एसी रूम में आराम से बैठते हैं, लेकिन यहां पर पैसेंजर को पंखे की हवा भी नसीब नहीं हैं. बंद पंखे ज्यादा तकलीफ देते हैं. इससे तो अच्छा होता कि पंखे लगाते ही नहीं.

बसों में डुलाते रहे पंखे

पैसेंजर बस में बैठकर जब बस चलने का इंतजार कर रहे तो गर्मी ज्यादा होने पर कुछ पैसेंजर हाथ से पंखा डुला रहे थे तो वहीं एक लेडीज अपने स्कार्फ से हवा कर रही थी. वहीं एक महिला स्टेशन पर बैठकर ही पंखा डुला रही थी. उनका कहना था स्टेशन पर अंदर और बस में एक ही जैसा हाल है. सरकार को बसों में भी पंखे लगाने चाहिए.

जूस-छाछ से पाई कुछ राहत

पैसेंजर्स ने बताया कि इतनी गर्मी होने पर स्टेशन पर ठंडे पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. मजबूरी में बॉटल खरीदनी पड़ रही है. वाटर कूलर के पास गंदगी भी बहुत है. कुछ पैसेंजर गर्मी से राहत पाने के लिए जूस और छाछ खरीदकर पी रहे थे. वहीं कुछ वेंडर पैसेंजर की मजबूरी का फायदा उठाकर महंगे दामों में उनको पानी की बॉटल बेच रहे थे.

एटीएम भी मिला बंद

जंक्शन पर पैसेंजर की सुविधा के लिए एक मात्र एटीएम लगा है. वह भी खराब पड़ा हुआ था. परेशान पैसेंजर धूप से होकर जब एटीएम पर रुपए निकालने पहुंच रहे थे तो मायूस होकर लौट जा रहे थे. उनका कहना धूप बहुत है और उनके पास रुपए भी नही है. अब घर जाना है तो कोई दूसरा एटीएम देखना पड़ेगा.

हैंडपाइप बना सहारा

शहर में ज्यादातर हैंडपाइप सूखे पड़े हैं. तो वहीं सैटेलाइट पर लगा हैंडपाइप से पैसेंजर्स को काफी राहत मिल रही है. गर्मी से परेशान पैसेंजर्स को जब कहीं ठंडा पानी नहीं तो इसी हैंडपाइप से पानी भरकर अपनी प्यास बुझा रहे थे. वहीं कुछ लोग मुंह-हाथ भी धुल रहे थे. पैसेंजर्स ने बताया कि जंक्शन के वाटर कूलर से ज्यादा यहां का पानी ठंडा है.

स्वच्छता मिली नदारद

शहर के सैटेलाइट बस स्टेशन पर पैसेंजर्स अव्यवस्थाओं से जूझते दिखे. स्टेशन पर एक मॉडल टॉयलेट के अलावा दो नार्मल टॉयलेट बने हुए हैं पर गंदगी और बदबू की वजह से वहां पर कोई नहीं जाता है. स्टेशन पर जगह-जगह कूडे़ का अंबार लगा हुआ था. एक जगह पर कूड़ा गाड़ी में कूड़ा भरा हुआ था. वहीं मेटल डिटेक्टर शोपीस बना हुआ था. बस स्टॉप वॉटर कूलर में एक पर टोटी नहीं थी तो दूसरे से गर्म पानी आ रहा था. गंदगी की वजह से कोई भी वहां पर पानी नहीं भर रहा था. वहीं पैसेंजर्स की बैठने के लिए लगी बैचों के पीछे भी कूड़ा फैला पड़ा था.

अच्छा होता घर से ही न निकलता

- फर्रुखाबाद जाना है. गर्मी बहुत है तो एसी बस का इंतजार कर रहा हूं. बस स्टॉप पर पंखे भी नहीं चल रहे हैं. इससे तो अच्छा था घर से ही नहीं निकलता.

रंजीत

लखनऊ जाना है और रुपए खत्म हो गए. गर्मी की वजह से सोच रहा था एसी बस से जाऊं, लेकिन यहां पर तो एटीएम खराब पड़ा है. दूसरे एटीएम पर जा रहा हूं.

-कुलदीप

Posted By: Radhika Lala