Jamshedpur: मच्छर ना सिर्फ आपकी सेहत और नींद खराब करते हैं बल्कि आपकी मेहनत की कमाई को भी उड़ा ले जाते हैं. सिटी में हर महीने करीब 75 लाख रुपए इन मच्छरों की भेंट चढ़ जाते है. इसके बावजूद इनके आतंक में किस तरह की कमी नजर नहीं आती.

 हर महीने लाखों स्वाहा
मच्छरों के आतंक ने सिटी के लोगों को परेशान कर रखा है। बात सिर्फ हेल्थ की नहीं लोगों की जेब पर भी इनका गहरा असर पड़ रहा है। मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियों से खुद को दूर रखने और मच्छरों के चंगुल से रातों को बचाने के लिए सिटी के लोग हर महीने लाखों रुपए खर्च कर रहे है। जी हां, मच्छरों से छुटकारा पाने के लिए मॉस्क्यूटो क्वायल, स्प्रे और लिक्विड जैसे प्रोडक्ट्स पर लोग हर महीने करीब 75 लाख रुपए खर्च कर रहे हैं। अगर सिटी में मौजूद हाउसहोल्ड की संख्या से हिसाब लगाए तो प्रति हाउसहोल्ड मॉस्क्यूटो कंट्रोल पर होने वाला हर महीने का खर्च करीब 30 रुपए है।

जमकर हो रही mosquito repellents की selling
मच्छरों से छुटकारा पाने के लिए तरह-तरह के मॉस्क्यूटो रिपेलेंट्स की जमकर सेलिंग हो रही है। 25 रुपए से लेकर 215 रुपए के रेंज में मिलने वाले एंटी मॉस्क्यूटो प्रोडक्ट्स की सिटी में काफी डिमांड है। साकची स्थित रिटेलर और होलसेलर बीएन साहू ने बताया कि घरों में महीने में 150 से लेकर 200 रुपए तक एंटी मॉस्क्यूटो प्रोडक्ट्स खरीदे जाते हैं। मॉस्क्यूटो रिपेलेंट बनाने वाली कंपनी रेकिट बेनकाइजर के एक ऑफिसर ने बताया की सिटी में हर महीने औसतन करीब 15 लाख रुपए के मार्टिन प्रोडक्ट्स की सेलिंग होती है। कुछ इसी तरह की सेलिंग दूसरे कंपनीज के प्रोडक्ट्स की भी है।

लाखों खर्च के बावजूद नहीं है छुटकारा
मच्छरों पर कंट्रोल करने के लिए हर महीने किए जाने वाले इस खर्च के बावजूद सिटी में इनका जबरदस्त आतंक है। सिटी में हर साल बड़ी संख्या में लोग मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों का शिकार बनते हैं। पिछले साल सिटी में मलेरिया से 18 मौत के मामले आए थे। वहीं इस साल भी मलेरिया कंट्रोल डिपार्टमेंट द्वारा 1 मौत की पुष्टि की जा रही है। सिटी में मच्छरों का आतंक कुछ इस तरह का है कि टाटा कमांड एरिया में मॉस्क्यूटो कंट्रोल करने के लिए तरह-तरह के उपाय करने वाली जुस्को के मॉस्क्यूटो कंट्रोल सर्विसेज को हाल ही में एसी नेल्सन द्वारा किए गए एक सर्वे बिलो एवरेज कैटगरी में रखा गया है।

ढीठ हो रहे मच्छर
मच्छरों को काबू करने के लिए किए जाने वाले तमाम प्रयासों के बावजूद उन पर कंट्रोल करना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। सिटी की पब्लिक और मॉस्क्यूटो कंट्रोल करने वाले विभागों के तरह-तरह प्रयासों के बावजूद मच्छरों ने उनसे बचना सीख लिया है। जुस्को के पब्लिक हेल्थ सर्विसेज के काशीडीह सेंटर स्थित इपीडेमिक मलेरिया कंट्रोल डिपार्टमेंट के इंचार्ज शिवराज ने बताया की मच्छरों पर कंट्रोल करने के लिए साल भर फॉगिंग और छिडक़ाव किया जाता है। उन्होंने कहा कि समय के साथ-साथ मच्छर इन इनसेक्टिसाइड्स के प्रति रजिस्टेंस डेवलप कर लेते है। उन्होंने बताया कि इस वजह से समय-समय पर इनसेक्टिसाइड्स को भी चेंज करना पड़ता है।

'बरसात के मौसम को  देखते हुए मच्छरों को कंट्रोल करने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट ने अपनी कोशिशें तेज कर दी हैं। रूरल और अर्बन एरियाज में मॉस्क्यूटो कंट्रोल के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है। सभी प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स को एल्र्ट कर दिया गया है.'
-बीबी टोपनो डिस्ट्रिक्ट मलेरिया ऑफिसर

'मच्छरों पर कंट्रोल करने के लिए फॉगिंग, छिडक़ाव और हाउस सर्वे जैसे कई तरह के प्रयास किए जाते हैं। मच्छरों में इनसेक्टिसाइड्स के प्रति रजिस्टेंस भी डेवलप हो जाता है इसकी वजह से समय-समय पर इनमें बदलाव करना पड़ता है.'
-शिवराज, इंचार्ज, ईएमसी, जुस्को, पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट

Report by: abhijit.pandey@inext.co.in


Posted By: Inextlive