-1300 के खिलाफ की चार्जशीट तैयार

-107 को भेजा सलाखों के पीछे

-29 के खिलाफ चालानी कार्रवाई

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DEHRADUN : दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद दुष्कर्म के दोषियों को कड़ी सजा देने के लिए 2012 में पोक्सो एक्ट बना। इसके बाद उम्मीद थी कि दुष्कर्म के मामलों में कमी आएगी। उत्तराखंड की बात करें तो एक्ट बनने के बाद से अब तक करीब 6 वर्ष में 1522 बच्चों का सेक्सुअल हरासमेंट हुआ है। जबकि मामले 1501 दर्ज हुए। 2017 व 2018 में सामने आए दुष्कर्म के 66 मामले अभी भी लंबित हैं।

 

1300 आरोपियों पर चार्जशीट

सेक्सुअल हरासमेंट के मामले में 1300 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार की गई। इनमें से कुछ आरोपी फरार हैं, कुछ हवालात में।

 

107 को भेजा सलाखों के पीछे

पुलिस आंकड़ों के मुताबिक बच्चों के सेक्सुअल हरासमेंट मामले में 107 आरोपियों को पुलिस पिछले 6 साल में सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है।

 

29 के खिलाफ चालानी कार्रवाई

सेक्सुअल हरासमेंट के मामलों में 2012 -2013 में पुलिस द्वारा एक भी चालानी कार्रवाई नहीं की गई, लेकिन 2013 से 2018 अब तक 29 लोगों के खिलाफ चालानी कार्रवाई की जा चुकी है।

 

Posted By: Inextlive