पॉलिटिक्स में नजर आएंगीं शबाना !
बदलनी होगी सोच
हाल ही में महिला आयोग की अध्यक्ष के एक विवादित बयान पर उन्होंने साफ किया कि इतनी जागरूकता फैलाने के बावजूद भी समाज की सोच अब तक नहीं बदली है। महिला आयोग की अध्यक्ष के बयान पर उन्होंने हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि रेप हो जाता है तो समाज में अभी भी कई ऐसे लोग हैं जो विक्टिम को ही दोषी ठहराने लगते हैं। बात उठती है कि उसने पहना क्या था? रात में वह अकेले क्यों निकली? गवाही के लिए लोग सामने नहीं आते? ऐसे में अभी भी जरूरत है कि लोगों को जागरूक किया जाए.
ग्लास आधा खाली है या भरा
महिला सशक्तीकरण के बारे में शबाना का नजरिया एकदम साफ है। उनके मुताबिक देश में कई लोग इस दिशा में काम कर रहे हैं। लेकिन फिर भी अभी बहुत कुछ करने की गुंजाइश है। अब देखना यह है कि ग्लास आधा खाली है या फिर आधा भरा। उनकी सोच पॉजिटिव है और समाज में चेंजेस जरूर आएंगे.
मां की भूमिका अहम
शबाना ने कहा कि घर की बैक बोन ही मदर होती है। फिल्मों में भी मदर इंडिया में नर्गिस से लेकर निरूपा राय तक में मां की भूमिका दिखाई जा चुकी है। मां का पूरा असर बच्चों पर पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि अपने बच्चों की परवरिश पर पूरा ध्यान दिया जाए.