-दो बार होगी बीजेपी और जेडीयू के शीर्ष नेताओं की भेंट

-विपक्ष की तंज से गरमाई सूबे की राजनीति

क्कन्ञ्जहृन्: अमित शाह और नीतीश कुमार आज पटना में मिशन-2019 जीतने को लेकर चक्रव्यूह रचेंगे। राजनीतिक एक्स्पर्ट के अनुसार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा अध्यक्ष के बीच सीट बंटवारे को लेकर मंथन हो सकता है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के बीच विश्वास और सद्भाव के माहौल में होने वाला संवाद, 2019 में मिशन-40 की सफलता के लिए नींव का पत्थर साबित होगा। यह बातें उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कही। उन्होंने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि इस बातचीत से वे चेहरे उतर जाएंगे, जो जदयू को एनडीए से तोड़ने के लिए मनगढंत बयानबाजी कर रहे थे। अब दलितों-पिछड़ों को झांसा देकर चुनाव जीतने वालों की दाल गलने वाली नहीं।

बिहार का मान बढ़ाया

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि लालू प्रसाद की पार्टी ने वामपंथियों की हमदर्दी और कांग्रेसियों की सीधी भागीदारी से बिहार में 15 साल तक ऐसी सरकार चलायी, जिसके चलते राज्य को जर्जर सड़कें, अंधेरे में डूबे गांव, सूने बाजार, बंद कारखाने, बेरोजगार मजदूर, उजड़े स्कूल, वीरान अस्पताल और लाखों लोगों का पलायन झेलना पड़ा। राजद को सत्ता में रखने की कीमत पीढि़यों को चुकानी पड़ी। जबकि जदयू-भाजपा की दोस्ती ने तेज विकास से बिहार का मान बढ़ाया है।

बड़ा भाई कौन, मोदी या नीतीश

इधर राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने तंज कसते हुए सवाल किया है कि बिहार में बड़ा भाई कौन होगा? किसके चेहरे पर वोट मांगा जाएगा? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, स्पष्ट किया जाना चाहिए। शिवानंद ने कहा कि अमित शाह और नीतीश कुमार की मुलाकात में असली पेंच चेहरे को लेकर है। बड़ा चेहरा तय करने की कसौटी क्या होगी.बिहार में राजग की दोबारा सरकार बनने के बाद सीएम के रूप में नीतीश की अमित शाह से यह पहली मुलाकात होगी। पिछले विधानसभा चुनाव में नीतीश सीएम का चेहरा थे। उस दौरान शाह बिहार के लोगों को चेता रहे थे कि अगर नीतीश मुख्यमंत्री बनेंगे तो पाकिस्तान में दिवाली मनेगी।

बाद में दिखेगा साइड इफेक्ट

जबकि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बुधवार को तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बाद अमित शाह के इस दौरे का साइडइफेक्ट कुछ दिनों बाद दिखेगा। तेजस्वी ने गिरिराज सिंह को नीतीश कुमार का अजीज साथी बताया और कहा कि दोनों की अंदरखाने 18 वर्षो से दोस्ती है, लेकिन ऊपर से दोनों बनावटी विरोध प्रकट करते हैं। एक अन्य ट्वीट में तेजस्वी यादव ने लिखा कि दोनों नेताओं की शीर्ष मुलाकात के दौरान भाजपा अध्यक्ष को जदयू की ओर से स्पष्टीकरण दिया जाएगा कि उसने जून 2010 में नरेंद्र मोदी का भोज अंतिम वक्त में क्यों रद किया था और अब किन हालात में आपको भोज दिया जा रहा है?

Posted By: Inextlive