Patna: शैलेश लोढ़ा पटना के आई नेक्‍स्‍ट ऑफिस आए समसामयिक मीडिया और प्रोपोगेंडा सहित तमाम विषयों पर बातचीत की. लेकिन उन्‍होंने जो बिहार में विकास को लेकर जो बात कही वह चौंकाने वाली थी... पढि़ए शैलेश के साथ आई नेक्‍स्‍ट की एक्‍सक्‍लूसिव बातचीत...


कवि मानने और होने में फर्क हैखुद को कवि मानने और कवि होने में फर्क है। आज यूट्यूब पोएट्स की भरमार है। काका हाथरसी और शैल चतुर्वेदी की बराबरी कोई कर सकता है क्या? तारक मेहता का उल्टा चश्मा की बेबाकी शैलेश लोढ़ा के रियल लाइफ में भी दिखती है। वाह-वाह क्या बात है अंदाज में शनिवार को फेमस पोएट और एक्टर शैलेश लोढ़ा आई नेक्स्ट ऑफिस आए और अपने दिल की बात खूब कही।

प्रोपेगंडा और पीआर से फेमस


टीवी पर दिखने और सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर वाहवाही बटोरने से कोई बड़ा पोएट नहीं हो जाता है। कहीं कोई लाइन सुनी, कहीं से कोई लाइन कॉपी की और डाल दिया यूट्यूब पर। आज इसी तरह कवि फेमस बन रहे हैं। मैं तो ऐसे कवियों को कवि नहीं मानता जिन्हें प्रचारित प्रसिद्धी की जरूरत पड़ती है। मैं भी खुद को सिर्फ पोएट नहीं मानता उसके साथ एक्टर वर्ड भी जोड़ लेता हूं। (एक सवाल के जवाब में कुमार विश्वास का नाम लिए बिना)बिहार बदला है ये नहीं कह सकता

ये तो राज्य के लोग ही बता पाएंगे कि बिहार बदला है या नहीं। मुझे तो कोई खास चेंज नहीं दिखता है। ट्रैफिक मैनेजमेंट और वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम में तो कोई बदलाव नहीं समझ आता है। राजधानी पटना को और सुंदर और व्यवस्थित बनाने की जरूरत है। हालांकि चेंज तो यहां रहनेवाले को फील होना चाहिए, गेस्ट का क्या है, वो तो आते हैं और चले जाते हैं।अबरार अली को पढ़ रहा हूंपढऩे के लिए तो समय निकाल ही लेता हूं। अभी अबरार अली की ऑटोबायोग्राफी पढ़ रहा हूं। उनका योगदान फिल्मों में भी खूब रहा है। साहब बीवी और गुलाम तो चर्चित हैं ही। बेनजीर भुट्टो की ऑटोबायोग्राफी डॉटर ऑफ डेस्टनी हाल ही में पूरी हुई है। चेतन भगत की फाइव प्वाइंट समवन मुझे अच्छी लगी और किसी को पूरी नहीं पढ़ पाया।टाइम कहां मिलता हैफिल्मों के ऑफर आते भी हैं तो डेट कहां से निकालें। डेली सोप और दो-दो वीकली सीरियल्स के बाद समय मिलना टफ है। मंच के शौक से कभी दूर नहीं हो सकता। कभी-कभी थियेटर भी करता हूं। हालांकि यह कम ही हो पाता है। ईश्वर की कृपा से आज की डेट में हाईली पेड पोएट में शुमार हूं। सोचता हिंदी में हूं

हिंदी में लिखता हूं, क्योंकि सोच हिंदी में ही पाता हूं। हालांकि एक बुक इंग्लिश में लिख चुका हूं, उसमें वाइफ का योगदान ज्यादा था। अच्छा लिखने के लिए लैंग्वेज कोई बैरियर नहीं है। इंग्लिश में लिखने से ही कोई फेमस नहीं हो सकता है। महत्वपूर्ण यह है कि आप जो लिख रहे हैं वह सोसाइटी के कितने काम की है। तारक मेहता का उल्टा चश्मा भी इसलिए हिट है क्योंकि वह पॉजिटिव सोच के साथ लिखा और बनाया गया है।दिलजले का एफबी स्टेटसकाम तो कई बुक्स पर कर रहा हूं। पूरी हो तो बात करेंगे। अब तक चार बुक्स पब्लिश हुई है। दो ह्यूमर बेस्ड ही है। इसमें से एक वाइफ के नाम ही है। दिलजले का फेसबुक स्टेटस एक पोएट्री कलेक्शन है, जो सबको पसंद आनेवाला है। ऑरिजनल तारक मेहता से मिलकर हमेशा प्रेरणा मिलती है। 1000वें एपिसोड के बाद उनसे अहमदाबाद में मिला था। पहले भी मिल चुका हूं। अच्छे लोग आगे आएंअच्छा काम करने वाले लोगों को प्लेटफॉर्म मिलना ही चाहिए। मीडिया को भी उन्हें आगे लाने में मदद करना चाहिए। वाह-वाह क्या बात है में मेरी यही कोशिश होती है कि सही लोगों को प्लेटफार्म मिले। स्डैंडअप कॉमेडी करता हूं, क्योंकि वह अच्छी लगती है। लोगों को हंसा सकूं यही कोशिश होती है। इसी कोशिश में विमलेश सम्मान मिल चुका है।chandan.sharma@inext.co.in

Posted By: Inextlive