केकेआर के खिलाफ शानदार गेंदबाजी और अखबारों की सुर्खियां बन गए कामरान खान. शेन वॉर्न ने उन्‍हें टॉरनेडो की संज्ञा दी. राजस्‍थान रॉयल्‍स और पुणे वारियर्स की ओर से आईपीएल खेल चुका यह गेंदबाज आजकल टीवी पर आईपीएल देख रहा है. क्रिकेट को लेकर अब उनकी क्‍या सोच है पढि़ए एक रिपोर्ट...


केकेआर के खिलाफ गेंदबाजी से आए सुर्खियों मेंइंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) का एक और संस्करण बुधवार को शुरू हो गया. हर संस्करण की तरह क्रिकेटप्रेमियों को इस बार भी उम्मीद होगी कि टी-20 टूर्नामेंट में कोई युवा सनसनी उभर कर सामने आएगी. आइपीएल के दूसरे संस्करण में कामरान खान ने अपनी गेंदबाजी से सबका दिल जीत लिया था, जिन्हें महान स्पिनर शेन वार्न ने ‘टॉरनेडो’ नाम दिया था. आजमगढ़ के एक बढ़ई के बेटे कामरान ने तब तक केवल टेनिस बॉल क्रिकेट खेला था. वह 2009 में केपटाउन में कोलकाता नाइड राइडर्स के खिलाफ अंतिम ओवर में शानदार गेंदबाजी कर सुर्खियों में आए थे. राजस्थान रॉयल्स के लिए दो सत्र खेलने के बाद 2011 में कामरान पुणे वॉरियर्स से जुड़ गए. पिछले सत्र में टूर्नामेंट के बीच में टीम से हटाए जाने से पहले उन्हें केवल एक मैच खेलने का मौका मिला.


पुणे वॉरियर्स से अनुबंध खत्‍म

पुणे वॉरियर्स द्वारा अनुबंध खत्म किए जाने के बाद इस गेंदबाज के पास फिलहाल कोई टीम नहीं है. कामरान ने कहा, ‘इस साल आइपीएल में न खेलना निराशाजनक है. मैंने अपनी गेंदबाजी पर काफी मेहनत की थी. मैंने डीवाइ पाटिल टी 20 कप (जनवरी, 2013) में एयर इंडिया की ओर से शानदार प्रदर्शन किया था. लेकिन मुझे नहीं मालूम कि क्यों उन्होंने (पुणे) मुझे अपने साथ नहीं रखा.’सीखने को मिलता है आइपीएल सेफिलहाल कामरान आइपीएल-छह को टीवी पर देख रहे हैं. वह स्वीकार करते हैं कि यह आसान नहीं है. अपने संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन को सुधारने के लिए राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी और ऑस्ट्रेलिया के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस गए कामरान ने कहा, ‘मैं आइपीएल इसलिए देख रहा हूं, क्योंकि इससे काफी कुछ सीखने को मिलता है. लेकिन टीवी के सामने बैठना बेहद मुश्किल काम है. मैं मैदान पर खेलना चाहता हूं.’मलिंडा ने दिया था प्रस्‍तावपिछले दिनों वह टी-20 गोवा प्रीमियर लीग में खेले थे, जहां उनकी मुलाकात श्रीलंका के मलिंडा वर्णापुरा से हुई, जिन्होंने कामरान को प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलने का प्रस्ताव दिया था. कामरान ने 22 मार्च को कोल्ट्स क्रिकेट क्लब की ओर से प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया. उन्होंने कहा, क्या करूं? भारत में प्रथम श्रेणी मैच खेलने का भी मौका नहीं मिल रहा था. जब मलिंडा ने मुझे प्रस्ताव दिया, मैं तुरंत मान गया. उन्होंने कहा, ‘मैं क्रिकेट खेलने का भूखा हूं. जहां कहीं भी मुझे मौका मिलेगा मैं खेलूंगा. श्रीलंकाई पिचों पर गेंदबाजी करने का अनुभव शानदार रहा.’उम्‍मीद नहीं छोड़ी

कामरान ने अभी भी भारत में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खेलने की उम्मीद छोड़ी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मैं उम्मीद का दामन थामे हुए हूं. मुझे भरोसा है कि मुझे इस साल गोवा की तरफ से रणजी ट्रॉफी मैच खेलने का मौका मिलेगा. आइपीएल में मौका नहीं मिला इसका मतलब यह नहीं कि मेरे लिए दुनिया समाप्त खत्म हो गई. मुझे मालूम है एक दिन मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट भी खेलूंगा.’Courtesy: Mid Day

Posted By: Satyendra Kumar Singh