शरमीन ओबैद चिनॉय दो ऑस्कर जीतने वाली पाकिस्तान की अकेली शख़्स बन गई हैं।


मंगलवार को जब लॉस एंजेलेस स्थित हॉलीवुड के डॉल्बी थिएटर में इस 37 वर्षीय महिला का नाम साल की सबसे अच्छी शॉर्ट सब्जेक्ट डॉक्यूमेंट्री के विजेता के रूप में पुकारा गया, तो वह पाकिस्तान में सुर्खियों में छा गईं।वह पुरस्कार लेने स्टेज पर गईं, अपनी ऑस्कर प्रतिमा को विजय से लहराया और कहा, "मेरे पास एक और है!"उनकी फ़िल्म, अ गर्ल इन द रिवर- द प्राइस ऑफ़ फॉरगिवनेस, में पाकिस्तान में ऑनर किलिंग (झूठी शान के लिए हत्या) का मुद्दा उठाया गया है।इसमें 18 साल की एक लड़की सबा की कहानी है, जिसे उसके रिश्तेदारों ने अपनी झूठी शान के लिए गोली मारकर नदी में फेंक दिया था। मगर वह चमत्कारिक ढंग से बच गई और अपनी कहानी बता पाई।
पाकिस्तान में ऑनर किलिंग के मुद्दे पर ज़्यादा बात नहीं होती- इसकी वजह यह है कि ज़्यादातर अपराध दर्ज नहीं करवाए जाते और पीड़ितों का पता नहीं चलता। इसीलिए शरमीन ने इसे विषय के रूप में चुना।दो ऑस्करों के अलावा वह 2010 और 2013 में अपनी दो डॉक्यूमेंट्री के लिए एमी पुरस्कार भी जीत चुकी हैं। 2012 में पहला ऑस्कर जीतने के बाद उन्हें पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान हिलाल-ए-इम्तियाज़ भी दिया गया।


उनके ऑस्कर पुरस्कार जीतने से कुछ हफ़्ते पहले मैंने शरमीन से बात की थी। उन्होंने कहा कि सराहना के अलावा वह इससे ख़ुश हैं कि उनकी फ़िल्म की वजह से इस विषय पर सार्वजनिक रूप से बात हो पा रही है।वह कहती हैं, "पाकिस्तान में ऑनर किलिंग एक टैबू (हौव्वा) है। यह एक बहुत निजी मामला है। ऐसा होता है एक पिता अपनी बेटी को मार डालता है, एक भाई अपनी बहन को मार डालता है और यह मामला परिवार के अंदर ही रह जाता है। अक्सर आपको मारी गई महिलाओं का नाम भी पता नहीं चलता। आपको उनकी लाश नहीं मिलती, आपको यह भी पता नहीं चलता कि एक औरत मार दी गई है।"मुश्किल विषय शरमीन के लिए कोई नई बात नहीं है।जब उन्होंने मुझे उन्हें देखते पाया तो कहा, "दुर्भाग्य से ऑस्कर यहां नहीं हैं। मैं उन्हें सुरक्षित कहीं बंद रखती हूँ।"साफ़ नज़र आता है कि शरमीन एक अपवाद हैं न सिर्फ़ इसलिए क्योंकि वह पाकिस्तान की एकमात्र दो ऑस्कर विजेता हैं, बल्कि इसलिए भी क्योंकि वह ऐसे समाज में सफल महिला फ़िल्मकार हैं, जहां हज़ारों महिलाएं एसिड हमले और ऑनर किलिंग जैसे अपराधों से जूझ रही हैं।

तब उन्होंने मुझसे कहा था, "अगर यह विधेयक (ऑनर किलिंग के ख़िलाफ़) पास हो गया तो रेड कार्पेट पर चलने से पहले ही मैं जीत चुकी होंगी।"

Posted By: Satyendra Kumar Singh