प्रख्यात साहित्यकार दूधनाथ सिंह को मिला था पहला सम्मान

हिन्दुस्तानी एकेडमी के कोषाध्यक्ष हैं रविनंदन सिंह, सात को मिलेगा सम्मान

ALLAHABAD: पांच साल पहले देश के प्रख्यात साहित्यकार दूधनाथ सिंह को हिन्दी साहित्य जगत में साहित्य शिरोमणि सम्मान देने के साथ ही संगम नगरी से एक नई साहित्यिक परंपरा का आगाज किया गया था। उस परंपरा में अब एक और नाम जुड़ गया है। नॉलेज हब की ओर से आयोजित राष्ट्रीय पुस्तक मेले में इस बार का साहित्य शिरोमणि सम्मान हिन्दुस्तानी एकेडेमी के कोषाध्यक्ष व साहित्यकार रविनंदन सिंह को दिए जाने का निर्णय लिया गया है।

हिन्दी संस्थान से हो चुके हैं सम्मानित

एकेडमी के कोषाध्यक्ष रविनंदन सिंह को पिछले वर्ष उप्र हिन्दी संस्थान ने उनकी कृति 'मैं इतिहास की जेब में हूं' के लिए नरेश मेहता सम्मान से सम्मानित किया था। संस्थान ने इससे पहले उन्हें महावीर प्रसाद द्विवेदी सम्मान से भी नवाजा था।

बढ़ाई गई पुरस्कार राशि

पुस्तक मेले के आयोजकों ने इस बार से साहित्य शिरोमणि सम्मान की पुरस्कार राशि को बढ़ा दिया है। सम्मान की राशि 5100 रुपए से बढ़ाकर 11 हजार रुपए कर दी गई है। इस नकद राशि के साथ स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया जाएगा। आयोजक देवराज अरोरा ने बताया कि सम्मान की पुरस्कार राशि 11 हजार रुपए करने का निर्णय लिया गया है।

पूर्व के सम्मान विजेता

साहित्य जगत में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए साहित्य शिरोमणि सम्मान दिए जाने की परंपरा का शुभारंभ संगमनगरी में वर्ष 2011 से किया गया है। पहला सम्मान प्रख्यात साहित्यकार दूधनाथ सिंह को दिया गया था। उसके बाद से अब तक प्रो। राजेन्द्र कुमार, डॉ। जगन्नाथ पाठक व पद्मश्री डॉ। शम्सुर्रहमान फारूकी को सम्मान प्रदान किया जा चुका है।

कल होगा सम्मान समारोह

राष्ट्रीय पुस्तक मेला जीजीआईसी परिसर में चल रहा है। मेले के सांस्कृतिक मंच पर मंगलवार को एकेडेमी के कोषाध्यक्ष रविनंदन सिंह को साहित्य शिरोमणि सम्मान प्रदान किया जाएगा। उसी दिन ऑनलाइन गाथा से प्रकाशित लेखिका गीता सैनी की युवाओं के दिल की बातों पर केन्द्रित पुस्तक 'अभिव्यंजना' का भी विमोचन किया जाएगा।

Posted By: Inextlive