GORAKHPUR : 'अरे ओ सांभा कितनी एडवांस बुकिंग हुई. एक भी नहीं सरदार क्या ...हमारी फिल्म का कोई देखने आएगा क्या....कोई बात नहीं कालिया फिर भी बसंती नाचेगी जब तक बसंती नाचेगी तब तक उसके यार की सांसे चलेंगी.' यदि थर्सडे को सिटी में गब्बर होता तो शायद यही सवाल सांभा से पूछता क्योंकि तीन दशक बाद दोबारा थ्री डी इफेक्ट में रिलीज होने जा रही शोले के प्रदर्शन को लेकर थियेटर कन्फर्म नहीं हो सके थे. थर्सडे को दोपहर बाद यह निर्णय लिया जा सका कि कहां और कितने शो चलेंगे. थर्सडे एडवांस बुकिंग भले ही न हो सकी लेकिन फिल्म को लेकर जबर्दस्त उत्साह नजर आया.


दोपहर तक नहीं हो सकी एडवांस बुकिंग फ्राइडे को शोले का थ्री डी वर्जन रिलीज हो रहा है। सिटी में माया सिने प्लेक्स, और एसआरएस में फिल्म का प्रदर्शन किया जाएगा। थर्सडे को दोपहर तक कहां पर फिल्म रिलीज होगी। इसको लेकर कंन्फ्यूजन बना रहा। दोपहर 12 बजे के पहले माया सिने प्लेक्स के बॉक्स आफिस पर पहुंचे लोगों को एडवांस बुकिंग में निराश होना पड़ा। दोपहर डेढ़ बजे एसआरएस के बुकिंग क्लर्क ने बताया कि उनके वहां फिल्म रिलीज नहीं होगी। इस दौरान एडवांस टिकट लेने पहुंचे लोगों को लौटना पड़ा। माया में तीन, एसआरएस में दो शो


थ्री डी में आ रही शोले को देखने के लिए चार घंटे का टाइम देना होगा। लंबी फिल्म होने की वजह से शो का शेड्यूल कम कर दिया गया है.माया में सिर्फ तीन शो दिखाए जाएंगे जबकि एसआरएस में सिर्फ दो में प्रदर्शन होगा। माया सिनेमा के मैनेजर ने बताया कि में दोपहर 12 बजे, शाम चार बजे और रात साढ़े आठ बजे का शो टाइम होगा। एसआरएस के सिनेमा हेड ने बताया कि दो शो तीन बजकर 45 मिनट और नौ बजकर 50 मिनट पर चलाए जाएंगे। सिनेमा से जुड़े लोगों का कहना है कि फिल्म का के्रज है। उस दौर में जय, वीरू, बसंती, गब्बर को देखने वाले लोगों में उत्साह है। उनके साथ- साथ यूथ भी फिल्म देखने जाएगा। बताया जा रहा है कि फस्र्ट टाइम फिल्म कृष्णा में रिलीज हुई थी तब आठ महीने तक फिल्म चली थी। सिक्स क्लास में मैंने फिल्म देखी थी। थ्री डी शोले को लेकर लोगों में उत्साह है। फ्राइडे को पता लग सकेगा कि यूथ में इसका कितना अट्रैक्शन है। अनूप सिंह, मैनेजर, माया सिने प्लेक्स बुकिंग क्लर्क को फिल्म के रिलीज होने के संबंध में जानकारी नहीं थी। दो शो चलाने फैसला लिया गया है। फिल्म देखने में लोगों को मजा आएगा। शोले देख चुके लोगों को थ्रीडी में अलग अनुभव होगा। जयवद्र्धन राय, सिनेमा हेड, एसआरएस वो भी एक दौर था

15 अगस्त 1975 को रीलीज हुई शोले को आज करीब 38 साल बीच चुके हैं। इस दौरान वक्त में कितना बदलाव आया इसके लिए यह बताना काफी है कि उस समय एक डॉलर की कीमत 8.94 रुपए थी। सलीम जावेद की कलम से निकली इस कालजयी रचना को पर्दे पर उतारा था रमेश सिप्पी ने। ब्रिटिश फिल्म इंस्टीट्यूट ने 2002 में शोले को इंडिया की टॉप टेन फिल्मों में पहला स्थान दिया था। 2005 में फिल्म फेयर ने शोले को पिछले पचास सालों की सबसे बेहतरीन फिल्म का खिताब दिया था। शोले को भारत की पहली स्टीरियो फोनिक साउंड बेस्ड फिल्म का दर्जा हासिल है। आज परदे पर थ्री डी वर्जन में रीलीज होने वाली शोले को इस फॉर्मेट में कनवर्ट करने में करीब 25 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।

Posted By: Inextlive