कड़ाके की ठंड से बढ़ सकती है बिजली की किल्लत
-लगातार गिर रहे तापमान का असर पड़ रहा बिजली उत्पादन पर
- पानी जम जाने के कारण बिजली उत्पादन में आ रही गिरावट देहरादून, पहाड़ों में कड़ाके की ठंड का सितम ऐसे ही बरकरार रहा तो आने वाले समय में इसका असर सीधा बिजली उत्पादन पड़ने की संभावना है। उत्तराखंड जल विद्युत निगम के करीब एक दर्जन पावर हाउस से औसतन 16 मिलियन यूनिट बिजली प्राप्त होती थी, जो अब घटकर 9.065 मिलियन यूनिट पर आ गई है। संभावना जताई जा रही है कि यह पावर प्रोडक्शन करीब 6 मिलियन यूनिट तक गिर सकता है। हालांकि यूपीसीएल का दावा है कि राज्य के ग्राहकों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। कई स्रोतों से बिजली प्राप्त की जा रही है। छह एमयू तक गिरने की संभावनाउत्तराखंड में पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार सर्दी का सितम जारी है। असर बिजली उत्पादन पर भी पड़ रहा है। उत्तराखंड जल विद्युत निगम के ताजा आंकड़े बताते हैं कि एन-एवरेज बिजली उत्पादन 16 मिलियन यूनिट के एवज में वर्तमान समय में गिरावट आकर 9 मिलियन यूनिट पर आ चुकी है। आशंका है कि आने वाले दिनों में 6 मिलियन यूनिट तक गिर सकती है। हालांकि यूजेवीएनएल के आंकड़ों में इन पावर हाउसों में उच्चस्तर का बिजली उत्पादन 21.889 मिलियन यूनिट तक पहुंचा है। जबकि निम्न स्तर तक 4.347 तक पहुंचा। जबकि जुलाई माह यानि बरसात में लगातार पावर हाउसों में गाद बढ़ने के कारण कई बार उत्पादन शून्य तक भी रुका है। फिलहाल, यूजेवीएनएल के रामगंगा व चिला पावर हाउसों में अभी भी अपना उत्पादन बरकरार रखा है। वर्तमान में समय में रामगंगा ने एवरेज 2.755 एमयू की तुलना में 2.500 एमयू और चिला ने 3.187 की तुलना में 1.500 एमयू उत्पादन बरकरार रखा है।
पावर हाउस--उच्च उत्पादन (एमयू)