चुनाव में ड्यूटी के लिए तैनात आरपीएफ एएसआई की मौत

फरीदपुर में पड़ा हार्टअटैक, ड्यूटी से हटाने की दी थी अर्जी

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पर लगे इलाज में फिर लापरवाही के आरोप

BAREILLY: लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे सिस्टम की नाकामी से फ्राइडे को एक और जिंदगी ने दम तोड़ दिया। फरीदपुर के सरस्वती शिशु मंदिर तराखास पोलिंग सेंटर में ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ के एएसआई की मौत हो गई। एएसआई अनिल एन पांडव को दिल में तेज दर्द हुआ। नजदीकी हॉस्पिटल में एडमिट कराने के बाद उन्हें उन्हें डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। जहां फ्राइडे सुबह क्क् बजे उनकी मौत हो गई। इलेक्शन ड्यूटी के दौरान बरेली में दो दिन के अंदर हुई यह दूसरी मौत है। जिसके दाग डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पर लगे हैं। इससे पहले क्म् अप्रैल को भी नरियावल में तैनात एक पीठासीन अधिकारी की हॉस्पिटल में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। आरपीएफ जवानों ने इलाज में लापरवाही के आरोप लगाए हैं। वहीं चुनाव में जिम्मेदारी निभा रहे लोगों की सुरक्षा के मामले में पूरा सिस्टम फेल नजर आ रहा है।

क्रिटिकल वार्ड की खुली पोल

पिछले तीन दिन में हुई दो मौतों ने चुनाव के लिए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में बनाए गए क्रिटिकल वार्ड की कलई खोल कर रख दी है। क्7 अप्रैल को शाम भ्.फ्0 बजे चुनावी ड्यूटी के दौरान अनिल एन पांडव को तेज दर्द हुआ। जिस पर साथियों ने उन्हें फरीदपुर हॉस्पिटल में एडमिट कराया। शुरुआती ट्रीटमेंट के बाद रात ख्.फ्0 बजे उन्हें डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया। साथ ही चेताया गया कि उन्हें फिर से हार्ट अटैक आ सकता है। आरपीएफ जवानों का कहना है कि डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट कराने के बाद से सिवा ऑक्सीजन के वहां इलाज का कोई इंतजाम नहीं था। जिससे एएसआई को अटैक पड़ने पर बचाया नहीं जा सका।

ड्यूटी से हटने की दी थी अर्जी

महाराष्ट्र के नासिक स्टेशन में रहने वाले मृतक अनिल एन पांडव आरपीएफ की 8क्क् डी कंपनी में तैनात थे।

घर पर उनकी तीन बेटियां और एक बेटा है। साथी जवानों ने बताया कि उनकी बड़ी बेटी इंजीनियरिंग की स्टूडेंट है। जिसके एग्जाम चल रहे थे। वहीं अनिल एन पांडव खराब सेहत की परेशानी से भी जूझ रहे थे। ऐसे में उन्होंने इलेक्शन कमीशन के अधिकारियों से चुनाव में खुद की ड्यूटी हटाए जाने की अर्जी दी थी। जो नामंजूर हो गई थी। बीमारी के बावजूद उनकी अपील नहीं सुनी गई और चुनाव में उनकी ड्यूटी लगा दी गई। जो बाद में उनकी मौत की वजह बनी।

उस्ताद के नाम से थे मशहूर

हार्ट अटैक के बाद सिस्टम की अनदेखी से अपनी जान गंवाने वाले अनिल एन पांडव अपने साथियों में खासे पॉपुलर थे। हॉस्पिटल में आए आरपीएफ के जवानों ने बताया कि उनके एएसआई बेहद खुशमिजाज और जिंदादिल इंसान थे। कंपनी में तैनात ज्यादातर जवानों को इंस्ट्रक्टर के तौर पर ट्रेनिंग उन्होंने ही दी थी। जिससे वह सभी में उस्ताद के नाम से मशहूर थे। गाने के शौकीन अनिल एन पांडव का पसंदीदा गीत दंबग का तेरे नैना बड़े दगाबाज रे था, जिसे वह अक्सर गुनगुनाया करते थे। साथियों का कहना था कि किसी को नहीं पता था कि उनका अपना सिस्टम ही उनके इंस्ट्रक्टर के लिए दगाबाज साबित होगा।

खराब तबियत के चलते फ्राइडे को मैंने छुट्टी ली थी। हॉस्पिटल में क्या हुआ इसकी मुझे जानकारी नहीं। इमरजेंसी वार्ड में इलाज के इंतजाम किए गए हैं। पूरे मामले को जानने के बाद ही इस पर कुछ बोल सकूंगा - डॉ। आरसी डिमरी, सीएमएस

Posted By: Inextlive