Jamshedpur: भगवान राम. एक शानदार लीडर. एक मोटिवेटर और मैनेजर. आईडल बेटा पति और भाई. वे युद्ध और शांति के प्रणेता. वही न्याय का साथ देने और गलत का नाश करने वाले. उनकी ओवरऑल पर्सनालिटी का जादू यंगिस्तान के सिर चढक़र बोलता है तो टीचर्स उनसे मोटिवेट होते हैं. फ्राइडे को रामनवमी मनाई गई. हर तरफ भगवान राम और उनके भक्त हनुमान के नाम की धूम थी. इस मौके पर हमने सिटी के लोगों से बात की और जानना चाहा की वे राम को किस रूप में देखते हैं. उन्होंने क्या कहा आइए जानते हैं...

उनके जैसा कोई और नहीं
स्टूडेंट्स, टीचर्स या फिर प्रोफेशनल्स। सभी का मानना था कि भगवान राम ने जिस लीडरशिप क्वालिटी की पहचान कराई वैसा आज तक कोई नहीं कर सका। बानरों की सेना साथ लेकर रावण को हराना आसान न था। ऐसे में राम ने अपनी लीडरशिप क्वालिटी के बल पर ऐसा किया। एक्सएलआरआई के स्टूडेंट प्रत्युष कहते हैं कि भगवान राम एक अच्छे मैनेजर भी थे। उन्होंने कहा कि उनकी मैनेजमेंट केपेबिलिटी उनकी लीडरशिप में साथझलकती है।

Administrator हो तो राम जैसा
वे एक अच्छे लीडर के साथ ही एक अच्छे एडमिनिस्ट्रेटर भी थे। उनकी इसी खासियत की वजह से उनके शासनकाल में उनका राज्य राम राज्य कहलाता था। जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ शुक्ला महंती कहती हैं कि भगवान राम की प्रशासनिक क्षमता की ही वजह से उनके राज्य में सभी सुखी रहते थे। कोई भी गलत करने की हिम्मत नहीं करता था।

मैनेजमेंट गुरू थे
भगवान श्री राम भी कृष्ण की तरह मैनेजमेंट गुरू माने जाते हैं.  मैनेजमेंट के दिग्गजों का मानना है कि भगवान राम की पर्सनालिटी में 5 ऐसे टेक्निक्स देखे गए थे जिस वजह से उन्हें मैनेजमेंट गुरू कहा जा सकता है। ये 5 टेक्निक्स हैं

Motivation
भगवान राम की खासियत थी कि वे किसी को भी तुरंत मोटिवेट कर लेते थे। उन्होंने बानर और भालू को युद्ध के लिए तैयार किया। उन्होंने ऋषि से लेकर गिलहरी तक में फाइटिंग स्प्रिट को पहचाना और उसका सही यूज किया।

Strategy
सीता के हरण के बाद रावण के साथ हुए युद्ध के दौरान उनकी स्ट्रेटजी साफ झलकी। भगवान राम चाहते तो अकेले ही रावण को खत्म कर सकते थे पर उन्होंने युद्ध में कई योद्धाओं को मौका दिया। उन्होंने बानरों और इंसानों के बीच एका कायम कर अच्छे लीडर होने की भी पहचान दिखाई।

Credit
भगवान राम की बहुत बड़ी खासियत थी कि वे किसी काम के लिए दूसरों को क्रेडिट देना नहीं भूलते थे। उन्होंने जब रावण को हराया तो इसका क्रेडिट महर्षि वशिष्ट यानी अपने गुरुको दिया। उन्होंने कभी यह नहीं कहा कि युद्ध उन्होंने जीता बल्कि वे कहते रहे कि बानरों और भालू की सेना ने युद्ध जीता।

Values and Ethics
भगवान राम की पर्सनेलिटी में वैल्यूज और एथिक्स तो जैसे भरा हुआ था। अपने पिता के एक वचन हारने पर वे घर छोड़ जंगल चले गए। रावण को युद्ध में हराने के बाद उन्होंने लक्ष्मण से कहा था कि वे रावण के चरण पास बैठकर कुछ ज्ञान लें क्योंकि रावण बहुत ज्ञानी थे।

Vision
यह भगवान राम का विजन ही था कि उनके शासनकाल से लेकर आज तक उनके राज्य को राम राज्य के रूप में याद किया जाता है। उनके राज्य में प्रजा सुखी और स्वस्थ थी।

भगवान राम की पर्सनेलिटी को देखा जाए तो उनमें सभी गुण थे। हम उनसे मोटिवेट हो सकते हैं और उनसे लीडरशिप क्वालिटी भी सीख सकते हैं। उनके जैसा तो कोई और नहीं।
- नेहा रॉय, स्टूडेंट

मेरा मानना है कि यूथ अगर भगवान राम की कही बातों और उनके बताए रास्ते पर चले तो वे निश्चित तौर सफल होंगे। न सिर्फ प्रोफेशनल बल्कि पर्सनल लाइफ में भी।
- अनुराग कुमार, स्टूडेंट
भगवान राम एक शानदार मैनेजर थे। उन्होंने अपने माता-पिता, भाई और प्रजा को हमेशा खुश रखने की कोशिश की। बानरों की सेना के साथ रावण को हरा दिया। उनके पास हर प्रॉब्लम का सॉल्यूशन था। विकट परिस्थिति में भी खुद पर कंट्रोल रखना उनकी बहुत बड़ी खासियत थी।
- प्रत्युष, स्टूडेंट, एक्सएलआरआई
ब्यूरोक्रेट्स हों या पॉलिटिकल लीडर्स, सभी को भगवान राम से बहुत कुछ सीखना चाहिए.  बिना किसी दुख पहुंचाए, बिना किसी को धोखा दिए और आपसी भाईचारे के साथ राज्य चलाना उनकी बड़ी खासियत थी। वे अच्छे लीडर थे जिनमें एडमिनिस्ट्रेटिव केपेबिलिटी की कमी न थी।
- डॉ शुक्ला महंती, प्रिंसिपल, जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज

वैसे तो भगवान राम की पर्सनेलिटी में वे सारे गुण थे जो किसी को महान बनाता है। उन्होंने हर परिस्थिति में वैल्यूज और एथिक्स का साथ नहीं छोड़ा। उनके इस गुण को फॉलो किया जाए तो सोसायटी से राक्षसी प्रवृत्ति का नाश होते देर नहींलगेगी। आज के यूथ को उनसे यह सीख लेनी चाहिए।
- डॉ आरके दास,  प्रिंसिपल, को-ऑपरेटिव कॉलेज

Report by: amit.choudhary@inext.co.in


Posted By: Inextlive