सिमी की ओर इशारा, विधायक के फुटस्टेप खंगाल रही पुलिस

एनआईए कर सकती है जांच, मिलिट्री ने भी की तफ्तीश

 

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MEERUT : विधायक निवास पर चर्चाओं के बीच निकलकर आया कि इस हमले में सिमी का हाथ है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हो सकी, किंतु केंद्रीय एजेंसियों ने जिस तरह से जांच के लिए मेरठ में डेरा जमा लिया है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थिति संवेदनशीन है। वहीं दूसरी ओर मिली जानकारी के मुताबिक इस घटनाक्रम की जांच एनआईए करेगी।


पहले भी हुआ हमला

6 दिसंबर 2014 को उत्तराखंड के रुड़की में डीएवी कॉलेज के निकट हुए विस्फोट में आतंकी संगठन सिमी का हाथ था। एनआईए की छानबीन में यह भी निकलकर आया था कि यह हमला आतंकी संगठनों के टारगेट पर भाजपा विधायक संगीत सोम को निशाना बनाकर किया गया था। टिफिन बम में विस्फोट से एक स्टूडेंट्स की मौत हो गई थी। घटनास्थल से कुछ दूरी पर ही विहिप द्वारा शौर्य दिवस कार्यक्रम मनाया जा रहा था, जिसमें बीजेपी नेता संगीत सोम भी मौजूद थे। इससे पूर्व अगस्त 2012 को भाजपा विधायक पर सरधना स्थित आवास पर बाइक सवार बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी थीं। जानलेवा हमले में विधायक बाल-बाल बचे थे।

 

विदेशी बोर से फायरिंग

विधायक के निवास पर तैनात गेटमैन को निशाना बनाकर हमलावरों ने पहला फायर किया, गोली कांच का ग्लास तोड़ती हुई केबिन में जा धंसी। इसके बाद हमलावरों ने गेट के ऊपर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। सूत्रों के मुताबिक हमलावर 4 या उससे अधिक थे और सभी विदेशी हथियारों से लैस थे।

 

आतंकी संगठनों के निशाने पर

3 दिसंबर 2017

भाजपा विधायक संगीत सोम को धमकी दी गई, जिस मोबाइल नंबर से भाजपा विधायक को धमकी दी गई, उससे पूर्व में जेई को भी धमकी दी गई थी।

 

26 दिसंबर 2015

आतंकी संगठन आईएस (इस्लामिक स्टेट) से कथित तौर पर जान से मारने की धमकी मिली है। चिली से आए एक फोन कॉल पर उन्हें धमकी दी गई।

 

24 सितंबर 2015

आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने विधायक का सिर कलम कर चौराहे पर टांगने की धमकी दी थी। विधायक को मिले पत्र की इबारत उर्दू में थी।

 

29 जनवरी 2017

मेरठ के शुभम जैन पुत्र राकेश जैन के फोन पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आई और सीधे जान से मारने की धमकी दी गई। साथ ही उसने सरधना से विधायक ठा। संगीत सोम को भी जान से मारने की धमकी दी थी।

 

 

घटनाक्रम पर सवाल भी?

-विधायक के गेट पर मिला हैंडग्रेनेड न सिर्फ फुस्सी बम निकला, बल्कि उस पर गंदगी और जंग भी लगी थी?

-फेकें गए हैंड ग्रेनेड में सेफ्टी कैच नहीं?

-फायरिंग के दौरान मौजूद सुरक्षाबलों और पुलिस ने क्यों नहीं की जवाबी फायरिंग?

-शीशे को तोड़कर केबिन में घुसी गोली के केबिन में निशान नहीं, शीशे के टुकड़े भी गायब?

-सुरक्षाकर्मियों ने नहीं किया हमलावरों का पीछा?

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मुझे जेड श्रेणी की सुरक्षा पर पूरा भरोसा है और मैं सुरक्षाकर्मियों के बीच सुरक्षित हूं। मुझे किसी प्रकार का खतरा नहीं है। जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा कभी मांगी ही नहीं थी।

संगीत सोम, विधायक

Posted By: Inextlive