सिंधुरक्षक हादसा:तीन नौसैनिकों के शव मिले
हादसे के वक्त पनडुब्बी में 18 नौसैनिक थे. भारतीय नौसेना के प्रवक्ता पीवीएस सतीश ने बीबीसी को बताया कि तीन शव निकाले जा चुके हैं लेकिन उनकी स्थिति इतनी खराब है कि उन्हें पहचानना बेहद मुश्किल है.नौसेना ने एक बयान जारी कर कहा है कि 14 अगस्त से ही पनडुब्बी में पहुँचने के उनके प्रयास जारी थे लेकिन पनडुब्बी में खौलते हुए पानी के चलते वे अंदर दाख़िल नहीं हो पा रहे थे.बयान के अनुसार पनडुब्बी के भीतरी हिस्से में जाना तो लगभग असंभव ही था क्योंकि दुर्घटना के बाद दरवाज़े जाम थे, सीढ़ियाँ ध्वस्त थीं, हर जगह तेल और कीचड़ फैला हुआ था. घुप्प अंधेरे में इन नौसैनिकों की तलाश करना बेहद मुश्किल था.
नौसैनिकों को खोजने में आ रही मुश्किलों के बारे में नौसेना का कहना है कि पनडुब्बी के अंदर स्थितियाँ इतनी खराब थीं कि एक समय में सिर्फ़ एक ही गोताखोर आगे बढ़ सकता था और रास्ता साफ़ कर सकता था.विपरीत परिस्थितियाँ36 घंटे तक विपरीत परिस्थितियों में काम करने के बाद आख़िरकार नौसेना के गोताखोर शुक्रवार 16 अगस्त तड़के पनडुब्बी के दूसरे हिस्से में दाख़िल होने में कामयाब हो पाए.बयान में कहा गया है कि तीनों शव इतनी बुरी स्थिति में हैं कि उनकी पहचान करना फ़िलहाल मुश्किल है.
इन तीनों शवों को नौसेना के अस्पताल आईएनएचएस अश्विनी ले जाया गया है. शवों की पहचान करने के लिए डीएनए जाँच की जाएगी और इसमें थोड़ा वक्त लग सकता है.नौसेना का कहना है कि धमाके के चलते पनडुब्बी का नियंत्रण कक्ष का इलाका बुरी तरह से क्षतिग्रस्त है. अत्यधिक गर्मी पैदा होने की वजह से धातु पिघल गई है. इस वजह से बाकी नौसैनिकों को भी खोजने में परेशानियाँ पेश आ रही हैं लेकिन नौसेना पनडुब्बी के हर कोने तक पहुँचने की कोशिश कर रही है.सिंधुरक्षक बुधवार तड़के मुंबई गोदी में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी.इससे पहले गुरुवार को नौसेना ने लापता अधिकारियों और सैनिकों के नामों की सूची जारी की थी.अधिकारियों में लेफ़्टिनेंट कोमोडोर निखिलेश पाल, लेफ़्टिनेंट कोमोडोर आलोक कुमार और लेफ़्टिनेंट कोमोडोर आर वेंकटराज शामिल थे.सैनिकों में संजीव कुमार, के सी उपाध्याय, टिमोथी सिन्हा, केवल सिंह, सुनील कुमार, दसारी प्रसाद, लीजू लारेंस, राजेश टूटिका, अमित के सिंह, अतुल शर्मा, विकास ई, नरोत्तम देउरी, मलय हलदर, विष्णु वी और सीताराम बडापल्ली शामिल हैं.