AGRA 17 Oct. : यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स के लिए बनी है न कि काम न करने वाले कर्मचारियों और लापरवाह अधिकारियों के लिए. जम्मू कश्मीर का एक लड़का एडमिशन के लिए पिछले एक महीने से लगातार चक्कर काट रहा है लेकिन डॉ. बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी उसकी दिक्कतों पर ध्यान नहीं दे रही है. स्टूडेंट हताश होकर खुदकुशी की कोशिश भी कर चुका है. उसने अपनी पीड़ा आई नेक्स्ट से कुछ इस तरह बयां की.


नहीं दे रहे एडमिशनजम्मू कश्मीर निवासी जावेद इकबाल डॉ। बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी से एमएससी जुलोजी करना चाहते हैं। उन्होंने एडमिशन लेने के लिए लाइफ साइंस इंस्टीट्यूट में बात की। तो उन्हें सीट भर जाने की बात कहकर टहला दिया गया। जबकि सीटें खाली थीं।कोटे से ज्यादा एडमिशनजावेद बताते हैं कि यूनिवर्सिटी में आउट ऑफ स्टूडेंट्स के लिए 20 परसेंट कोटा होता है। इसके हिसाब से इंस्टीट्यूट में चार सीटें होती हैं। लेकिन तब भी एडमिशन नहीं हुआ। जब जावेद ने इंस्टीट्यूट में एडमिशन फार्म भरा तो उससे एचओडी ने कह दिया कि रजिस्ट्रार और वीसी से लिखवाकर लाओ। जावेद वीसी से मिला तो उन्होंने जांच कराने की बात कही और इसके बाद तो वे यूनिवर्सिटी में आना ही बंद हो गए। कर चुका है आत्महत्या का प्रयास
स्टूडेंट ने बताया कि वह अपनी प्रॉब्लम और एप्लीकेशन लेकर रजिस्ट्रार आफिस पहुंचा तो रजिस्ट्रार ने उसकी बात को अनसुना कर दिया.   यूनिवर्सिटी की कार्यप्रणाली तंग जावेद सुसाइड की कोशिश कर चुका है। बीती 26 सितंबर को जावेद ने फांसी लगाकर आत्महत्या की कोशिश की थी। उसके दोस्त जावेद चौपाल और अन्य सहयोगियों ने उसे बचाया था। ये हमारा अधिकार है


जम्मू कश्मीर के पुलवामा डिस्ट्रिक से आए स्टूडेंट जावेद का कहना है कि उन्हें जम्मू कश्मीर में यूनिवर्सिटी में एडमिशन नहीं मिला। तो वे आगरा आए, लेकिन यहां अफसर और प्रोफेसर एप्लीकेशन पर साइन कराने को चक्कर लगवा रहे हैं। उसका कहना है कि मुझसे एडमिशन को पैसे मांगे जा रहे हैं। लेकिन मैं पैसा क्यों दूं। ये तो मेरा अधिकार है.

Posted By: Inextlive