-सीता अशोक के संरक्षण के लिए यूपी सरकार ने इसे राज्य वृक्ष घोषित किया

-आईवीआरआई और बरेली कॉलेज में लगे हैं सीता अशोक के वृक्ष

साइंटिफिक नेम- सारका इंडिका

लोकल नेम- सीता अशोक

20-25 फुट ऊंचा होता है वृक्ष

10 साल पहले बरेली में लगाए गए पौधे

02 पौधे बरेली कॉलेज में लगे हैं

bareilly@inext.co.in

BAREILLY: अर्थ डे से शुरू हुए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के कैंपेन डॉॅक्यूमें 'ट्री' में आज हम आपको ऐसे वृक्ष के बारे में बता रहे हैं, जिसका औषधीय के साथ ही धार्मिक महत्व भी है. रावण की लंका में अशोक वाटिका में जिस वृक्ष की छांव में बैठने और जिसके फूलों की भीनी सुगंध से मइया सीता के मन का शोक दूर हुआ वह वृक्ष है सीता अशोक. देश में अतिदुर्लभ वृक्षों की श्रेणी में शामिल इस वृक्ष को उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य वृक्ष घोषित किया है.

सिर्फ आईवीआरआई और बीसीबी में
बरेली कॉलेज में बॉटनी डिपार्टमेंट के हेड प्रोफेसर आलोक खरे बताते हैं कि सीता अशोक का बरेली में एक भी पौधा नहीं था. करीब दस साल पहले वह इसे बरेली में लेकर आए और बरेली कॉलेज के साथ ही आईवीआरआई में इन पौधों को लगवाया. इन दिनों आईवीआरई में लगे सीता अशोक में फूल खिल रहे हैं. लाल और नारंगी फूलों के गुच्छों से लदे इस वृक्ष की सुंदरता देखते ही बनती है.

औषधीय महत्व
सारका इंडिका यानि सीता अशोक एक औषधीय पौधा है जिसका उपयोग आयुर्वेद में व्यापक रूप से किया जाता है. इसकी छाल, पत्तियां, फूल सभी का उपयोग औषधि बनाने में किया जाता है.

-दर्दनाशक औषधि बनाने में यूज

- शरीर के रंग में सुधार करता है

-पाचन शक्ति सुधारने में सहायक

- अत्यधिक प्यास को कम करता है

-रक्त संबंधी बीमारियों के इलाज में कारगर

मान्यता

-जिस घर के द्वार पर इस वृक्ष को लगाया जाता है उसमें धन-धान्य की कमी नहीं होती है.

-इस वृक्ष की साधना से कार्यो में जल्दी सफलता मिलती है

Posted By: Radhika Lala