ज्‍यादातर देशों में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाता है क्‍योंकि उससे उस देश की इकोनॉमी को फायदा होता है। ऐसे में अगर हम आप से कहें कि कुछ देशों ऐसे शहर भी हैं जो अपने यहां पर्यटन को रोकना चाहते हैं क्‍योंकि उससे उन्‍हें नुकसान पहुंच रहा है तो शायद आप यकीन नहीं करेंगे पर ये सच है। वाकई में कुछ स्‍थान पर्यटकों की बहुत ज्‍यादा भीड़ से परेशान हैं और उन्‍हें नुकसान पहुंच रहा है। आइये आपको बताते हैं छह ऐसे स्‍थानों के बारे में जो टूरिज्‍म के हाथों तबाह हो रहे हैं।

 

वेनिस
इस क्रम में सबसे बुरा हाल है खूबसूरत झीलों का शहर कहे जाने वाले वेनिस का। तेजी से बढ़ती पर्यटकों की संख्या ने वहां के मूल नागरिकों एक तरह से वहां से बेदखल कर दिया है। विशेष रूप से पीक सीजन में इतने ज्यादा पर्यटक इस ऐतिहासिक नगर के स्थापत्य और खूबसूरती को देखने आ जाते हैं कि अब वहां रिहायशी घरों की अपेक्षा होटल और टूरिस्ट होम की संख्या बढ़ती जा रही है। लोग शहर की मूल और पारंपरिक पहचान को खत्म करते जा रहे हैं। इस शहर की पहचान और संस्कृति को बचाये रखना है तो जरूरी है कि फाइव स्टार और आधुनिक होटलों के प्रचलन पर नियंत्रण करके स्थानीय लोगों को मौका दिया जाये कि वो अपने घरों में ही कुछ जगह आने वालों को एक दो दिन के लिए उपलब्ध करायें।

कंबोडिया
इस जगह का नुकसान इसकी खूबसूरती को नष्ट करके नहीं बल्कि इसके कल्चर को चोट पहुंचा कर हो रहा है। यहां के स्थानीय नागरिक अपने बच्चों को अनाथ ना होने पर भी अनाथ आश्रमों में भेज रहे हैं ताकि वो टूरिस्ट से लाभ हासिल कर सकें। इसके अलावा लोग अपने बच्चों को स्कूल से निकाल कर पर्यटकों को समान बेचने और उनके लिए दूसरे कामों को करने में लगा रहे हैं ताकि उन्हें ज्यादा कमाई हो सके।   
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आइसलैंड
आइसलैंड ने अपनी ध्वस्त होती अर्थव्यवस्था को रीसेशन के दौर से उबारने के लिए पर्यटन को बढ़ावा दिया। इसका उसे फायदा भी मिला और देश गरीबी से उबर पाया। उसकी यही नीति अब उसके गले की हड्डी बन चुकी है। अक्सर पर्यटन आपके इंफ्रास्ट्रक्चर के मुकाबले ज्यादा तेजी से बढ़ता है और इस देश के साथ यही हुआ। 2009 में जहां यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या 250,000 थी। वहीं इस साल ये बढ़ कर 6.1 मिलियन पर पहुंच गयी इस भीड़ को संभाल पाना इस स्थान के प्रशासन के लिए असंभव होता जा रहा है। जरूरी है कि अब पर्यटकों के इस बढ़ते दवाब को मशहूर टूरिस्ट प्लेस से कम प्रसिद्ध स्थानों की ओर मोड़ा जाए।

बार्सिलोना
ऐसे ही कुछ हालात का सामना कर रहा है बार्सिलोना, यहां पर्यटकों की संख्या 1992 में ओलंपिक में आये लोगों की तुलना में तीन गुनी हो चुकी है। स्थानीय नागरिक लगातार बढ़ती भीड़ के चलते शराबियों के दुर्व्यवहार जैसी कई समस्याओं की शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। प्रशासन को स्थानीय बाजारों और कुछ और मशहूर जगहों पर बढ़े ग्रुप्स के प्रवेश और रिहायशी स्थानों को गैर कानूनी तरीके से किराये पर उठाने पर बैन लगाने पड़ रहे हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि वे गरीबी से इतना परेशान नहीं हैं जितना पर्यटकों की बढ़ती भीड़ से।  
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थाईलैंड
थाईलेंड को अपने आईलैंड कोह ताची को पर्यटकों की बढ़ती भीड़ के चलते पूरी तौर बंद करना पड़ा, पर इससे समस्या का समाधान नहीं हुआ है। यहां फुकेट में ओवरक्राउडिंग एक बड़ी समस्या अब भी बना हुआ है। थाइलैंड जो अपने को एक जन्नत की तरह विकसित करना चाहता है पर्यटकों की बढ़ती भीड़ के दुष्प्रभावों के चलते अपने सपने के आसपास भी नहीं पहुंच पा रहा। गैंब्लिंग और सेक्स बिजनेस के चलते इसकी एक अलग ही पहचान बनती जा रही है।

क्यूबा
क्यूबा में भी हालाकि कुछ अर्सा पहले ही पर्यटकों की तादात बढ़ना शुरू हुई है पर अब वो इंफ्रास्ट्रक्चर से भी ज्यादा तेजी से बढ़ रही है। इसका असर इतना ही नहीं है कि अब यहां रहने की जगह कम पड़ रही है बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए भी मुश्किल हो रही है क्योंकि पर्यटकों के लिए रेस्टोरेंट और होटल वाले ज्यादातर खाने पीने का सामान खरीद लेते हैं और लोकल लोगों को भोजन जुटाने के संघर्ष से दो चार होना पड़ रहा है। वाकई में पर्यटन क्यूबा के निवासियों के मुंह से निवाला छीन रहा है।    
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Posted By: Molly Seth