मोबाइल से जुड़े रहने की वजह से लोगों की नींद पूरी नहीं हो रही...

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LUCKNOW: छोटे बच्चे हों या स्कूल आफिस जाने वाले यंगस्टर्स. किसी की नींद पूरी नहीं हो रही है. आज की सोसाइटी स्लीप डिप्राइव्ड है. इसका बुरा असर हमारी एकाग्रता पर पड़ता है और सुबह उठने के बाद हम फ्रेश महसूस नहीं करते. मोबाइल से चिपके रहने से बच्चों की नींद पूरी नहीं हो रही है. शनिवार को केजीएयमू में फिजियोलॉजी विभाग के 108वें स्थापना दिवस के मौके पर नई दिल्ली एम्स के स्लीप स्पेशलिस्ट डॉ. एचएन मलिक ने यह जानकारी दी.

बच्चों की हाइट पर भी असर
केजीएमयू के प्रो. नरसिंह वर्मा ने बताया कि नींद के समय ग्रोथ हार्मोन निकलता है. यह व्यक्ति की लंबाई के लिए जिम्मेदार होता है. यदि बच्चा पूरी नींद नहीं लेगा तो ग्रोथ हार्मोन कम निकलेंगे और इसका असर हाइट पर पड़ेगा. नींद पूरी न करने वाले लोग जल्दी बूढ़े दिखने लगते हैं. बच्चों के मामले में यह भी बड़ा कारण है कि सुबह वैन जल्दी आ जाती है और रात में भी वह देर तक टीवी या मोबाइल से चिपके रहते हैं.

बच्चों में रिफ्लक्स का खतरा
डॉक्टर्स ने बताया कि नींद पूरी न होने से बच्चे गैस्ट्रोलिक रिफ्लक्स का शिकार होते हैं. वे खाना खाने के बाद तुरंत फ्रेश होने जाते हैं. नींद पूरी न होने से यह समस्या बच्चों में होती है. डॉक्टर्स ने बताया कि मोटापा भी नींद पूरी न होने का कारण है. वहीं खर्राटे भी नींद में बाधा डालते हैं. नींद की स्टडी के लिए फिजियोलॉजी विभाग में स्लीप लैब का शुभारंभ किया गया. जिसमें खर्राटे आने या नींद न आने वाले मरीजों की जांच की जा सकेगी.

बेड के पास न रखें फोन
डॉक्टर्स ने बताया कि बहुत से लोग स्मार्टफोन चेक करते हुए सोते हैं. ऐसा करने वाले अपनी दो-तीन घंटे की नींद खराब करते हैं. स्मार्ट फोन से लोगों में लाइफ स्टाइल से संबंधित बीमारियां भी बढ़ रही हैं.

एक्सरसाइज भी करें

केजीएमयू के डॉ. नरसिंह वर्मा ने बताया कि सोने के मामले में स्लीप हाईजीन का ध्यान रखना चाहिए. सोने से तीन-चार घंटै पहले खाना खाएं. कभी पेटभर खाना न खाएं. सोने से कुछ घंटे पहले एक्सरसाइज फायदेमंद है. सोते समय कमरे में लाइट न हो और नीली लाइट तो हानिकारक है. जो देर रात तक स्मार्टफोन देखते हैं उनकी नींद पर इसका असर पड़ता है.
इतनी नींद जरूरी

एज ग्रुप घंटे

न्यूबार्न करीब 18 घंटे

1 से 5 वर्ष करीब 14 घंटे

5 से 12 वर्ष 10 से 12 घंटे

12 से 18 वर्ष 10 घंटे

18 वर्ष से ऊपर 6 से 8 घंटे

बढ़ेंगी एमडी की 15 सीटें
केजीएमयू के फिजियोलॉजी डिपार्टमेंट में एमडी की 18 सीटों को बढ़ाकर 33 किया जाएगा. 15 अप्रैल को इसका प्रस्ताव एमसीआई को भेजा जा चुका है. जल्द ही इसके लिए एमसीआई की टीम यहां आ सकती है. इस मौके पर डॉ. सुनीता तिवारी, डॉ. श्रद्धा सिंह, डॉ. मनीष, डॉ. एसएन शंखवार आदि मौजूद रहे.

Posted By: Kushal Mishra