- 1.78 लाख कनेक्शनों पर मोबाइल बेस्ड बिलिंग कराने का लिया था निर्णय

- 132 मीटर रीडरों के लिए मंगवाए गए थे 150 मोबाइल

- राप्तीनगर एरिया से शुरू की गई थी मोबाइल बेस्ड बिलिंग

GORAKHPUR: महानगर की बिलिंग व्यवस्था में सुधार करने व कंज्यूमर्स को निर्धारित समय पर बिजली बिल मुहैया कराने का दावा सुस्त पड़ गया है। 1.78 लाख कनेक्शनों पर मोबाइल बेस्ड बिलिंग कराने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए बिलिंग कंपनी बीसीआईटीएस ने 132 मीटर रीडरों के लिए 150 स्मार्ट फोन मंगवाया। फोन में एचसीएल से बिलिंग डेटा अपलोड होने के बाद चार दिसंबर से राप्तीनगर एरिया से मोबाइल बेस्ड बिलिंग शुरू किया गया था। लेकिन काम में तेजी न आने से मोबाइल बेस्ड बिलिंग की शुरूआत धीमी पड़ गई है।

समय से नहीं मिल रहा बिल

बिजली कंपनी के कर्मचारी अब तक एसबीएम मशीन से बिल बनाते थे। प्रयोग के तौर पर पावर कार्पोरेशन ने राप्तीनगर वितरण खंड चतुर्थ में दो माह पहले मोबाइल बेस्ड बिलिंग शुरू कराई। बेहतर परिणाम मिलने पर अफसरों ने पूरे शहर में लागू करने की योजना बनाई थी। दावा किया कि इस व्यवस्था से बिलिंग कंपनी के मीटर रीडरों को अब कंज्यूमर्स के घर जाना ही पड़ेगा। मीटर की फोटो एप पर अपलोड करने के साथ ही रीडिंग मैक्सिमम डिमांड भी दर्ज करना पड़ेगा। इसके बाद ब्लू टूथ पर प्रिंटर से बिजली बिल प्रिंट कर कंज्यूमर्स को मुहैया कराया जाएगा। मगर अभी भी कार्य में प्रगति नहीं दिख रही है। कंज्यूमर्स का कहना है कि एरिया में अभी तक बेस्ड बिलिंग कार्य में तेजी नहीं आई हैं। जिससे समय से बिल न मिलने की वजह से खासा परेशानी का सामना करना पड़ता है। राप्तीनगर के रहने वाले गोविंद गुप्ता ने बताया कि पिछले माह बिजली कर्मचारी मीटर रीडिंग के लिए आए। रीडिंग लेने के बाद चले गए। मगर बिजली का बिल घर पर नहीं आया। जिसकी वजह से बिल के लिए बिजली निगम कार्यालय पर जाना पड़ा। काफी भागदौड़ के बाद बिल मिल पाया। ऐसे कई कंज्यूमर्स हैं जिन्हें आए दिन परेशानी का सामना करना पड़ता है।

अफसरों का दावा

महानगर के कंज्यूमर्स को बिलिंग में सुधार होने के बाद पूरे शहर में लागू होने और समय से बिल मुहैया कराने की बात की थी। साथ में यह भी कहा था कि गलत रीडिंग पर बिल बनने की परंपरा पर लगाम लगाया जाएगा। लेकिन अभी भी काम में तेजी नहीं आ पाई है। बताया जा रहा है कि मीटर रीडर चाय-पान की दुकान पर बैठकर समय बीताते हैं। जिसके कारण टारगेट पूरा नहीं कर पाते हैं। इसका खामियाजा कंज्यूमर्स को भुगतना पड़ता है।

वर्जन

जो मीटर रीडर अपना टारगेट पूरा नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें हर हाल में टारगेट पूरा करना होगा। कंज्यूमर्स की सुविधा के लिए यह व्यवस्था की गई है। जिन कंज्यूमर्स का डिटेल मैच नहीं कर रहा है मीटर रीडर उनका मीटर नंबर और एकाउंट डिटेल्स बिजली निगम को उपलब्ध कराएं। जिससे कंज्यूमर्स को आसानी से बिल मुहैया कराया जा सकेगा। शहर के चार इलाके में यह व्यवस्था लागू कर दी गई है।

एके सिंह, अधीक्षण अभियंता, शहर

Posted By: Inextlive