अगर बदलाव लाना है तो एक छोटे से कदम से शुरुआत कर सकते हैं। एक बार अगर आपने पॉजिटिव माइंड के साथ कोई काम शुरू किया तो सफलता आपके कदम जरूर चूमेगी।

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नाइकी के बिजनेस की शुरुआत होती है, 1962 से। जब स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए कर रहे फिल नाइट ने इस बिजनस के बारे में सोचा। दरअसल फिल जब एमबीए कर रहे थे, तब उन्होंने जूतों के बिजनेस के बारे में लिखा। यही एसाइनमेंट करते समय उनके दिमाग में सस्ते, मजबूत और बेहतर क्वॉलिटी के जूते बनाने का आइडिया आया। वे जापान गए और वहां उन्होंने टाइगर ब्रांड के जूते देखे, जिसे ओनित्सुका नाम की एक कंपनी बनाती थी।

फिल ओनित्सुका कंपनी के मालिक से मिले और यह बताकर टाइगर ब्रांड के जूते बेचने के राइट्स ले लिए कि वे ब्लू रिबन स्पोट्र्स कंपनी के मालिक हैं। ब्लू रिबन स्पोट्र्स कंपनी अभी तक केवल फिल के दिमाग में थी। जब फिल को टाइगर शूज के सैंपल दिए गए तो वे सबसे पहले बिल बोरमन के पास गए, जो ग्रेजुएशन में उनके स्पोट्र्स कोच थे। वे फिल नाइट के बिजनेस पार्टनर बन गए। फिल और बोरमन ने मिलकर 1000 डॉलर की कैपिटल से 25 जनवरी 1964 को ब्लू रिबन स्पोट्र्स नाम की एक फुटवियर कंपनी बनाई।

ऐसे हुई नाइकी की शुरुआत


उन्होंने टाइगर ब्रांड के 300 जोड़े जूते मंगवाए और स्कूल के बाहर एक कार की डिग्गी से बेचना शुरू किया। पहले साल करीब 8000 डॉलर की कमाई हुई, जो अगले साल बढ़कर 20000 डॉलर तक पहुंच गई। 1966 में ब्लू रिबन स्पोट्र्स ने कैलिफोर्निया में अपना पहला स्टोर खोला। 1971 में ब्लू रिबन और टाइगर ब्रांड के बीच का कॉन्ट्रेक्ट खत्म हो गया और तब उनहोंने खुद के ब्रांड का फुटवियर बनाने का फैसला किया। 30 मई 1971 को कंपनी का नाम आधिकारिक तौर पर बदलकर नाइकी कर दिया गया। 1980 के आस-पास नाइकी ने फुटवियर के अलावा क्लोदिंग और ट्रैकसूट जैसे आइटम्स अपने बिजनस में ऐड कर दिए।

छोटे से कदम से करें आगाज


फ्रेंड्स, अगर बदलाव लाना है तो एक छोटे से कदम से शुरुआत कर सकते हैं। एक बार अगर आपने पॉजिटिव माइंड के साथ कोई काम शुरू किया तो सफलता आपके कदम जरूर चूमेगी। बड़े काम का इंतजार न करें, शुरुआत कर दें, आपका छोटा प्रयास भी आपके बड़े सपने को साकार कर सकता है।

काम की बात

1. फ्रेंड्स, अगर बदलाव लाना है तो एक छोटे से कदम से शुरुआत कर सकते हैं।

2. कभी भी बड़े काम का इंतजार न करें, छोटा ही सही लेकिन शुरुआत कर दें।

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Posted By: Kartikeya Tiwari