- शहर के चार चौराहों पर शुरू हुआ स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम ध्वस्त

- अब प्रमुख चौराहों पर जाम में दो गुना ज्यादा टाइम तक फंस रही पब्लिक

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VARANASI

शहर में पिछले तीन महीने के दौरान ट्रैफिक जाम में वक्त की बर्बादी दो गुने से ज्यादा हो चुकी है। जी हां, ये खुलासा हुआ है इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट) के एनॉलिसिस में। अब हाल ये है कि जिन चार चौराहों पर ये सिस्टम लगाया गया था वहां भी मैनुअल ट्रैफिक कंट्रोल करके स्थिति को सुधारने की कोशिश चल रही है। बावजूद इसके स्थिति खराब है। ट्रैफिक डिपार्टमेंट भी मान रहा है कि सिग्नल्स की टाइमिंग प्रैक्टिकल न होने तथा शहर में कुछ सड़कों पर रूट डायवर्जन के चलते के स्थिति बद से बदतर हुई है।

कैमरों ने किया काउंट

जाम में फंसने का वक्त दोगुना तक बढ़ने का खुलासा उन कैमरों में दर्ज है, जिन्हें स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट के तहत चौराहों पर लगाया गया है। इन कैमरों में टाइमिंग के साथ ये भी देखा जाता है कि ट्रैफिक कितने देर तक रूकी रही। जाम का ये नया तथ्य सामने आने के साथ ट्रैफिक पुलिस भी परेशान है। क्योंकि जैसे-जैसे ट्रैफिक सुधार के प्रयास हो रहे हैं, वैसे वैसे जाम की समस्या भयावह होती जा रही है। कुछ सड़कें तो अब पीक ट्रैफिक आवर का फार्मूला भी नहीं रहा। सुबह से शाम तक लगातार जाम नजर आ रहा है।

पॉयलट प्रोजेक्ट के तहत व्यवस्था

दरअसल, शहर के रथयात्रा, सिगरा, मलदहिया चौराहा व साजन तिराहा पर स्मार्ट सिटी के पॉयलट प्रोजेक्ट तहत ट्रैफिक सिग्नल और हाई डेफिनेशन कैमरे लगाए गए हैं। इसका मकसद ट्रैफिक सिस्टम को सुगम और सुव्यवस्थित करना है। काफी इंतजार के बाद सिग्नल और कैमरे चालू हुए, लेकिन कुछ दिन बीतने के बाद ही ट्रैफिक सुगम होने की जगह अव्यवस्थित हो गया।

ट्रैफिक सिपाही देते हैं 'सिग्नल'

स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम शुरू करने के पीछे यह भी उद्देश्य था कि चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की जरूरत कम होती, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। अभी भी चारों चौराहों पर रेड, येलो और ग्रीन सिग्नल होने पर ट्रैफिक सिपाही उसी हिसाब से व्यवस्था का संचालन कर रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस अफसरों का कहना है कि सिग्नल के हिसाब से यातायात प्रबंधन करना सम्भव नहीं हो पा रहा है।

बढ़ रहे सिग्नल जम्प के मामले

दरअसल, चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगा दिए गए, लेकिन ट्रैफिक पुलिस की ओर से पब्लिक को अवेयर नहीं किया गया। ऐसे में डेली तमाम लोग बिना सिग्नल देखे चौराहा पार करने लगते हैं। नतीजा, रोड जम्प करने के मामले बढ़ रहे हैं। सिग्नल जम्प करने पर ट्रैफिक पुलिस मैनुअल या ई-चालान करती है।

'स्मार्ट चालान' से हाेगी आसानी

ट्रैफिक पुलिस ने स्मार्ट ट्रैफिक चालान सिस्टम शुरू किया है। इससे पब्लिक को ट्रैफिक रूल्स के उल्लंघन, चालान व भुगतान की जानकारी मिलेगी। ऑनलाइन शमन शुल्क भुगतान की भी सुविधा है। इसमें कोई भी व्यक्ति द्वारा यातायात का उल्लंघन करने वाले वाहनों का फोटो खींचकर उसे ट्रैफिक पुलिस के एप पर भेज सकता है। अपलोड करते ही खुद चालान कट जाएगा।

ये हैं जाम के कारण

- बिना लॉजिक का रूट डायवर्जन

- सिग्नल की टाइमिंग सही न होना

- जेब्रा क्रॉसिंग का न बनना

- बदहाल चौराहे व रोड्स

- अवैध ऑटो व ई-रिक्शा की भरमार

- पब्लिक को अवेयर न करना

- रोक के बावजूद बसों का शहर में घुसना

- वाहनों को आड़े-तिरछे ि1नकालना

एक नजर

- 2.5 करोड़ की लागत से लगे सिग्नल व कैमरे

- 64 चौराहों पर स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम शुरू करने का है प्लान

- 10 से 15 सिग्नल जम्प के मामले आ रहे डेली

- 80 से ज्यादा बार चार चौराहों पर जाम लगा एक हफ्ते में

चौराहों पर लगी लाइटें व्यवस्थित ढंग से नहीं जल रही हैं। रोड्स व चौराहों का इन्फ्रास्ट्रक्चर भी खराब है। इसे ठीक करने के लिए लेटर भेजा गया है। फिलहाल व्यवस्था ट्रैफिक कर्मियों के भरोसे है।

सुरेश चन्द्र रावत, एसपी ट्रैफिक

पिछले दिनों ट्रैफिक सिग्नल टाइमिंग ठीक कराई गई थी। अगर फिर दिक्कत आ रही है तो इसे दिखवाया जाएगा।

आरसी सिंह, संयुक्त नगर आयुक्त

शहर की रोड्स को मेंटेन करने का काम चल रहा है। खराब चौराहों को प्रॉयरिटी के आधार पर दुरुस्त कराया जाएगा।

आरआर गंगवार, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी

Posted By: Inextlive