-आबकारी और पुलिस की टीम को देखकर ट्रक छोड़कर भागे तस्कर

-ट्रक से टाइसन ब्रांड की वाइन की 1250 पेटियां हुई बरामद

KANPUR : पनकी में सोमवार को हाईवे पर हरियाणा की शराब की बड़ी खेप पकड़ी गई। इसे ट्रक के जरिए शहर लाया जा रहा था, लेकिन हाईवे में आबकारी और पुलिस टीम की चेकिंग को देखकर ड्राइवर और क्लीनर ट्रक को एक ढाबे के पास खड़ा करके भाग गए। आबकारी टीम ने शक होने पर ट्रक की तलाशी ली, तो उससे क्ख्भ्0 शराब की पेटियां बरामद हुई। जिसके बाद टीम ने ट्रक को सील कर थाने में खड़ा करा दिया।

सिर्फ टाइसन ब्रांड की शराब

जिला आबकारी अधिकारी देवराज सिंह यादव के मुताबिक ट्रक से सिर्फ टाइसन ब्रांड की ही शराब की पेटियां बरामद हुई है। सभी फुल बोतल है। जिसकी कीमत साठ लाख रुपए से ज्यादा है। चूंकि इस ब्रांड की शराब एमपी के पीतम जिले स्थित सिलवर औख में बनती है। संभावना है कि तस्कर वहीं से शराब लेकर आ रहे थे, लेकिन आबकारी टीम की चेकिंग को देखकर वे ट्रक छोड़कर भाग गए।

मालिक और ड्राइवर पहचाने गए

पनकी हाईवे में चेकिंग को देखकर ड्राइवर और क्लीनर ट्रक को छोड़कर भाग गए, लेकिन वे जल्दबाजी में लाइसेंस और ट्रक की आरसी वहीं पर छोड़ गए। जिससे पुलिस ने बरामद कर लिया है। आबकारी ऑफिसर धर्मेन्द्र यादव का कहना है कि ट्रक मालिक और ड्राइवर की पहचान हो गई है। इसलिए उनको जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

लग्जरी कारों में स्मगलिंग

शहर में पुलिस और आबकारी ऑफिसर से बचने के लिए तस्कर लग्जरी कारों का इस्तेमाल करते है। वो टाटा सफारी, इनोवा जैसी लग्जरी कारों से शराब की पेटियां लाते है। इन गाडि़यों की चेकिंग भी कम होती है। ज्यादातर तस्कर रूलिंग पार्टी का झण्डा गाड़ी में लगा लेते है। जिससे पुलिस और आबकारी ऑफिसर गाड़ी को चेकिंग करने से बचते है। वहीं, कुछ तस्कर चोरी छुपे ट्रेन से शराब की पेटियां लाते है। इसमें नए खिलाड़ी ही पुलिस के हत्थे चढ़ते है।

मार्केट से आधे रेट पर

देश के हर राज्य में अलग-अलग एक्साइज ड्यूटी होने से शराब की कीमत भी अलग अलग है। यूपी की तुलना में अन्य राज्यों जैसे हरियाणा, गुड़गांव, दिल्ली, चण्डीगढ़, राजस्थान में एक्साइज ड्यूटी कम है। यूपी की तुलना में वहां आधे रेट पर शराब की बोतल मिलती है। यहीं वजह है कि यहां पर वाइन शॉप वाले मोटी कमाई के लिए चोरी से हरियाणा की शराब मंगवा लेते है। इससे उनको दोगुना से ज्यादा मुनाफा होता है।

सरकारी खजाने में सेंध

सरकार को आबकारी विभाग से सबसे ज्यादा राजस्व मिलता है। जिससे सरकारी खजाना भरा रहता है। इससे मिलने वाले धन को अन्य मदों में खर्चा किया जाता है। सरकार एक्साइज ड्यूटी से शराब पर टैक्स वसूलती है। हरियाणा से चोरी छुपे शराब की पेटियां शहर लाई जाती है। जिसमें कोई एक्साइज ड्यूटी नहीं दी जाती है। ये बोतलें मार्केट में चोरी छुपे बेची जाती है। जिससे हर महीने सरकार को लाखों रुपए का चूना लग रहा है।

सफेदपोश भी जुड़े

शहर में हरियाणा की शराब हाथोंहाथ बिक जाती है। इस अवैध धंधे की मोटी कमाई के चलते करीब तीन दर्जन से अधिक गैंग सक्रिय हो गए है। जिसमें कई सफेदपोश कारोबारी भी शामिल है। वे इसमें फाइनेंस की भूमिका निभाते है। इसके एवज में वे माल बिकते ही अपना हिस्सा ले लेते है।

इन इलाकों में अवैध शराब बिक्री

शहर में ज्यादातर इलाकों में हरियाणा की शराब बिकने लगी है, लेकिन गुमटी नम्बर भ्, दर्शनपुरवा, बिरहाना रोड, पटकापुर, हूलागंज, शिवाला, शास्त्रीनगर, गोविन्दनगर, विकास नगर, घंटाघर, रेलबाजार, लाल बंग्ला से सबसे ज्यादा हरियाणा की शराब की सप्लाई होती है। इसके अलावा शहर से सटे ग्रामीण इलाकों और होटल्स में हरियाणा की शराब धड़ल्ले से बिक रही है।

Posted By: Inextlive