भारतीय ज्योतिष के सिद्धांत में एक वर्ष में 2 से 5 ग्रहण पड़ते हैं। पृथ्वी पर ग्रहण पड़ने के कारण सजीव एंव निर्जीव दोनों ही तरह के चीजों पर प्रभाव पड़ता है किंतु 2 जुलाई को पड़ने वाला ग्रहण भारत में अदृश्य है।


कानपुर। पंडित दीपक पांडेय के मुताबिक इस पूर्ण सूर्य ग्रहण का धार्मिक दृष्टिकोण से कोई भी महत्व नहीं है। अत: इसकी वजह से कोई सूदक काल नहीं रहेगा। वहीं 16 से 17 जुलाई को पड़ने वाला चंद्र ग्रहण इसके लिए चुनौति पूर्ण होगा। इस सूर्य ग्रहण की परिमाण 1.09 है जिसका अर्थ है कि ग्रहण की सबसे लम्बी अवधि के दौरान सूर्य पूर्ण रूप से चंद्रमा की छाया में जाएगा। इन देशों में दिखाई देगा ग्रहणवहीं दृग पंचांग के अनुसार यह ग्रहण मुख्य रूप से चिली, आर्जेंटीना और दक्षिण प्रशान्त महासागर से दिखाई देगा। ला सेरेना, सैन जुआन, ब्ररागाडो, जूनिन और रियो कुआर्टो, चिली और अर्जेंटीना के कुछ शहर हैं जहां से सूर्यग्रहण दिखाई देगा। आंशिक सूर्यग्रहण दक्षिण प्रशान्त महासागर और दक्षिण अमेरिका के अधिकांश हिस्सों से दिखाई देगा।इन देशों में नहीं दिखेगा ग्रहण
यह ग्रहण भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, अफगानिस्तान, फिजी, माॅरीशस, संयुक्त अरब अमीरात और अन्य एशियाई देशों से दिखाई नहीं देगा। साथ ही यह ग्रहण अटलान्टिक महासागर, हिन्द महासागर, उत्तरी प्रशान्त महासागर, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका महाद्वीप के देशों जैसे अमेरिका से भी दिखाई नहीं देगा।

Posted By: Vandana Sharma