- केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री ने भेल में किया सोलर पॉवर प्लांट का किया लोकार्पण

- स्वदेशी तकनीकी से तैयार किया गया है प्लांट

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पावर प्लांट पर एक नजर

- 5 मेगावॉट का सोलर प्लांट

- 26 करोड़ रुपए में तैयार हुआ प्लांट

- 20 परसेंट ऊर्जा की जरूरत प्लांट करेगा पूरी

- 80 लाख यूनिट बिजली का होगा सालाना प्रोडक्शन

- 4.74 करोड़ रुपए की बचेगी बिजली

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हरिद्वार : केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस दौर में पारंपरिक ऊर्जा से इतर अपारंपरिक ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखना होगा। लागत कम करने के लिए सौ प्रतिशत स्वदेशी तकनीकी का इस्तेमाल करना होगा। स्वदेशी तकनीकी आधारित अपारंपरिक ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर कम लागत के उत्कृष्ट उत्पादन से हम अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में टिके रहकर चीन को शिकस्त दे सकते हैं।

शुक्रवार को केंद्रीय भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम मंत्री अनंत गीते ने भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (भेल) में 26 करोड़ की लागत से बने पांच मेगावॉट के सोलर पॉवर प्लांट को देश को समर्पित किया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अपारंपरिक ऊर्जा की दिशा में सोलर ऊर्जा में भेल का यह पहला कदम है। यह हर वर्ष हरिद्वार की पांच करोड़ की ऊर्जा खपत को पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि गैर परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों के माध्यम से अक्षय ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देने का समय आ गया है। आने वाले दिनों में गैर परंपरागत स्रोतों से मिलने वाली अक्षय ऊर्जा ही बिजली का प्रमुख विकल्प होगा। परंपरागत ऊर्जा का इस्तेमाल धीरे-धीरे कम हो रहा है। भेल अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अतुल सोबती ने कहा कि आज जरूरत है कि हम स्वच्छ, सुरक्षित और निरंतर ऊर्जा देने वाले स्रोतों पर विशेष ध्यान दें।

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80 लाख यूनिट बिजली उत्पादन सालाना

भेल द्वारा स्थापित सोलर पॉवर संयंत्र से सालाना लगभग 80 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। जिससे भेल की हीप इकाई की लगभग 20 प्रतिशत ऊर्जा आवश्यकता पूरी होगी। साथ ही बिजली के बिल में प्रतिवर्ष 4.74 करोड़ रुपये की अनुमानित कटौती होगी। इस संयंत्र के निर्माण में लगने वाले सभी उपकरण भेल की विभिन्न इकाइयों में ही बनाए गए हैं। इसमें ट्रैकर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे सोलर पैनल दिन भर सूरज की बदलती स्थिति के अनुसार अपनी पोजीशन बदलते हैं।

Posted By: Inextlive