चार महीने के मासूम को रेलवे स्टेशन पर बेचा जाना था। सटीक सूचना पर लक्खीबाग चौकी इंचार्ज ने अपनी टीम के साथ मासूम के सौदागरों की उम्मीद पर पानी फेर दिया। मामले में तीन महिलाएं गिरफ्तार की गई। बच्चे की खरीदार खुद को कभी आगरा, तो कभी इटावा व एटा का बताती रही। पुलिस उसका सच जानने में जुट गई है। पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में एक और हैरान करने वाला तथ्य सामने आया। मासूम के खरीद-फरोख्त का सारी कहानी दून हॉस्पिटल से शुरू हुई थी। ये वही हॉस्पिटल है, जहां से एक नवजात चोरी कर लिया गया था।

-पुलिस की चौकसी से सकुशल बरामद हुआ मासूम

-70 हजार में यूपी की महिला को बेचा जाना था बच्चा

-महिला दून हॉस्पिटल में हुई बच्चे को बेचने की प्लानिंग

DEHRADUN : थर्सडे दोपहर चौकी इंचार्ज लक्खीबाग विक्की टम्टा को जानकारी मिली कि कुछ लोग एक चार माह के बच्चे को बेचने के लिए रेलवे स्टेशन पर मौजूद हैं। सूचना अहम थी। पुलिस बिना देर किए मौके पर पहुंच गई। इस दौरान वह तीन महिलाएं व बच्चा मौजूद था। पुलिस द्वारा जब उनसे इस बाबत बात की गई, तो सभी इस बात से मुकर गई। सभी को हिरासत में लेकर पुलिस चौकी लाया गया। यहां सख्ती से की गई पड़ताल के दौरान जो कहानी खुलकर सामने आई वह बेहद हैरान करने वाली थी।

70 हजार में बिकना था मासूम

डोईवाला कैमरी, की रहने वाली सुनीता ने सत्तर हजार रुपए में अपने चार माह के मासूम का सौदा कर लिया था। गुरूवार दोपहर तय कार्यक्रम के अनुसार वह रेलवे स्टेशन के पास पहुंची। यहां बच्चे की खरीदार महिला अनिता मिश्रा पत्‍‌नी जगदीश मिश्रा पहले से मौजूद थी। तय रकम हाथ में लेने के साथ ही सुनीता ने बच्चे को अनिता मिश्रा की गोद में सौंप दिया। वह बच्चे को लेकर निकलने का प्रयास कर ही रही थी कि लक्खीबाग चौकी इंचार्ज विक्की टम्टा ने उसे धर दबोचा। इस दौरान पुलिस ने मासूम की वास्तविक मां और उसकी बड़ी बहन अनिता को भी गिरफ्त में ले लिया। अनिता दून में होमगार्ड है। बच्चे को खरीदने वाली महिला के पति के बारे में जानकारी मिली कि वह पहले डॉक्टर थे जिन्होंने बाद में अपना पेशा छोड़कर एनजीओ संचालित करना शुरू कर दिया। पुलिस उनकी भूमिका की भी पड़ताल कर रही है।

दून हॉस्पिटल में तय हुआ था सौदा

एक मां द्वारा अपने ही बच्चे को बेचने की इस सनसनीखेज घटना की पटकथा कुछ माह पूर्व महिला दून हॉस्पिटल में लिखी गई थी, जहां डॉ। अमन नाम का शख्स बच्चे को देखने के लिए दून हॉस्पिटल आया था। पुलिस के मुताबिक उसके ओके करने के बाद ही रकम और बच्चे को कहां हैंड ओवर किया जाएगा आदि फाइनल हुआ। गौरतलब है कि महिला दून हॉस्पिटल से ही वर्ष ख्0क्ख् में एक नवजात को चोरी कर लिया गया था। तमाम कवायद के बाद पुलिस आज तक उस बच्चे को बरामद नहीं कर सकी। सीओ सिटी प्रमोद कुमार ने बताया कि हॉस्पिटल का सीसीटीवी कैमरा भी चेक किया जाएगा।

पति से अलग रहती है मासूम की मां

अपने जिगर के टुकड़े को बेचने का निर्णय लेने वाली सुनीता दरअसल पति से अलग रहती है। उसने पुलिस को बताया कि पति शराब पीने का आदि है, जिसके चलते घर में हमेशा तनाव की स्थिति बनी रहती थी। बाद में वह अपने तीन बच्चों को लेकर पति से दूर हो गई। वह डोईवाला के अलावा माजरा में रहने वाली बड़ी बहन के घर पर रहती थी। आर्थिक तंगी के चलते उसने अपने मासूम बच्चे को बेचने का फैसला किया था। बच्चे को हॉस्पिटल में देखने आया कथित डॉक्टर उसकी बड़ी बहन को भी जानता था। पुलिस गिरफ्त में ली गई होमगार्ड अनिता से भी पूछताछ कर रही है।

ह्यूमन ट्रैफिकिंग में दर्ज हुआ केस

जिस तरह से इस केस की परत दर परत खुलती जा रही है पुलिस को यकीन है कि मामला कहीं न कहीं ह्यूमन या फिर चाइल्ड ट्रैफिकिंग से जुड़ा हुआ है। कथित डॉक्टर अमन की गिरफ्तारी के बाद ही सारा सच सामने आ पाएगा। पुलिस सूत्रों की माने तो आरोपी के मोबाइल का नंबर पुलिस को मिल चुका है, जिसे सर्विलांस पर भी लगा दिया गया है। चौकी इंचार्ज लक्खीबाग के नेतृत्व में एक टीम भी बाहर रवाना कर दी गई है। सीओ सिटी ने बताया कि पुलिस हर बिंदू पर बारीकी से जांच कर रही है। चौथा आरोपी भी जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होगा। फिलहाल देर रात तक की गई जांच में महिला ने अपना पता आगरा के सिकंदरा में बताया है। जिसकी पुष्टि के प्रयास किए जा रहे हैं।

कथित डॉक्टर की तलाश में पुलिस टीम लगातार प्रयास कर रही है। उम्मीद है, वह जल्द ही गिरफ्त में होगा। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद केस से जुड़े अन्य तथ्य भी प्रकाश में आने की संभावना है।

-प्रमोद कुमार, सीओ सिटी

Posted By: Inextlive