नगर निगम कार्यकारिणी में 557 करोड़ का मूल बजट पास

कार्यकारिणी के सदस्यों में ही बजट को लेकर हुई जमकर बहसबाजी

Meerut। नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में 2019-20 के लिए तमाम जद्दोजहद के बाद 557 करोड़ 12 लाख 43 हजार रूपये का मूल बजट पास कर दिया गया। हालांकि टाउन हॉल में 11 बजे शुरू हुई कार्यकारिणी की बैठक 12 बजे तक नियमों के फेरे में उलझी रही। कार्यकारिणी के सदस्यों में ही बजट को लेकर जमकर बहसबाजी होती रही। जिस कारण से बोर्ड बैठक सवा घंटे करीब देरी से शुरू हुई।

मूल बजट हुआ पास

गत 27 फरवरी को बिना मेयर के आयोजित हुई पुनरीक्षित बजट की बैठक बुधवार को कार्यकारिणी की बैठक में बहस और हंगामे का कारण बन गई। अपनी अनुपस्थिति के कारण मेयर सुनीता वर्मा और बसपा व सहयोगी कार्यकारिणी सदस्य 27 फरवरी की बैठक को अवैध करार देते रहे और भाजपा कार्यकारिणी सदस्य उनका विरोध कर बैठक को सही ठहराते रहे। भाजपा और विपक्षी कार्यकारिणी सदस्यों की लंबी नोंकझोंक के बाद कुछ वक्त पुनरीक्षित बजट पर बैठक हुई और फिर 557 करोड़ का मूल बजट पास कर दिया गया।

सॉलिड वेस्ट का बजट

ऐसा पहली बार हुआ है कि जब सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर नगर निगम 35 करोड़ रूपये खर्च करेगा और डोर-टू-डोर कूड़ा निस्तारण का इंतजाम होगा। हालांकि इससे पहले भी कूड़ा निस्तारण के लिए निगम के दावे केवल बजट तक ही सीमित रहे हैं।

पार्षदों ने पूछे सवाल

बैठक में बसपा पार्षद खासिम ने निगम अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि बोर्ड बैठक में करोड़ों के प्रस्ताव पास हुए, लेकिन अधिकांश वाडरें में काम तक नहीं हुआ। जबकि निगम अधिकारियों ने कहा है कि अब तब 24 करोड़ से ज्यादा के कार्य हो चुके हैं। पार्षद धर्मवीर सिंह ने कहा कि निगम की आय आखिर कैसे बढ़ सकती है, जब शहर के अधिकांश होटलों, सिनेमाघरों, बैंक्वेट हॉल, नर्सिंग होम, शिक्षण संस्थानों पर नाम नाममात्र ही टैक्स वसूला जा रहा है।

मेयर बोली, पहले जवाब दो

जिस समय बोर्ड बैठक चल रही थी, इस दौरान चीफ इंजीनियर जितेंद्र कैन, स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। गजेंद्र सिंह व अन्य जलकल विभाग के अधिकारी चने खाने में व्यस्त रहे। इतना ही नहीं उन्होंने पार्षदों के कई सवालों को भी अनसुना कर दिया। इसे देखकर महापौर सुनीता वर्मा ने उन्हें लताड़ लगाते यहां तक कह दिया कि चने बाद में खाना पहले जवाब दो।

कुत्ते व बंदर पकड़ने की बात

बैठक के दौरान कई पार्षदों ने शहर में आवारा घुम रहे कुत्ते व बंदरों को पकड़ने की मांग की। इस पर पार्षदों ने कहा कि पिछले 15 माह से कई बोर्ड बैठक में इस पर चिंतन किया जा चुका है, बावजूद इसके आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस बात पर एफसी संतोष कुमार शर्मा ने कहा कि इस बारें में शासन से बात चल रही है, जल्द ही इस मामले में अभियान चलाया जाएगा।

यह रहे मौजूद

बैठक में महापौर सुनीता वर्मा, अपर नगर आयुक्त अमित कुमार, वित्त खाद्य एवं लेखाधिकारी संतोष शर्मा, चीफ इंजीनियर जितेंद्र कैन, स्वास्थ्य अधिकारी गजेंद्र सिंह, भाजपा पार्षद पार्षद राजेश रूहेला, ललित नागदेव, विपिन जिंदल, बसपा पार्षद जुबैर अब्बासी, सविता गुर्जर, मोहम्मद खासिम, धर्मवीर आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive