Freedom of expression एक ऐसी स्‍वतंत्रता है जो भारत के संविधान ने हर एक व्‍यक्‍ति को दि है। ऐसे में आज हम आपको भारत में हुए कुछ ऐसे केस के बारे में बताते है जिन्‍होंने संविधान द्वारा दी गई 'अभिव्‍यक्‍ति की स्‍वतंत्रता' की ऐसी-तैसी कर ड़ाली। जानते है कि आखिर कौन सी है वो घटनाएं जिससे पूरा देश ही हिल गया।



ये फनी नहीं है साहब
कई बार लोग Freedom of speech की लिमिट भूल जाते हैं। अब तन्मय भट्ट को ही ले लीजिए। किसने कहा था इनसें की वो सिंगिंग डिवा लता मंगेश्कर और क्रिकेट के बादशाह सचिन तेंदुलकर पर इस तरह का भद्दा मजाक करे।

सच नहीं जानना
जी हां सच नहीं जानना मतलब नहीं जानना। ऐसा हम इसलिए कह रहें है क्योंकि अलीगढ़ नाम की एक फिल्म देश में इसलिए बैन कर दी गई क्योंकि इसमें अलीगढ़ के एक समलैंगिक प्रोफेसर की सत्य कहानी दिखा दी। अब भाई कौन समझाए इनको की भारत में दो आदमियों के बीच दोस्त या भाई का ही रिश्ता हो सकता है पर 'प्रेमी' का तो बिल्कुल भी नहीं।

किस क्यों किया
अब ये तो हद है। जेम्स बॉन्ड की फिल्म Spectre को भारत में रिलीज होने से इसलिए रोक दिया क्योंकि उसमें किस सीन बहुत ज्यादा और इंटेंन्स थे।

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Posted By: Ruchi D Sharma