जायके के निकलने लगे 'आंसू'
चाट से लेकर चाउमीन तक असरचाट के चटखारे ले लेकर खाने वाले कई शौकीनों के मुंह फिलहाल बंद है। वजह है प्याज के दामों में लगी आग। पानी बताशे और चाट-मटर में एक्स्ट्रा प्याज की डिमांड करने वाले शौकीनों को अपने टेस्ट से समझौता करना पड़ रहा है। महंगे होने के कारण कई चाटवाले अपने आइटम्स में पहले की तरह प्याज का इस्तेमाल करने में बेबस है। इससे शौकीनों के मुंह में प्याज की गंध और टेस्ट का ग्राफ तेजी से गिरा है। वहीं चाउमीन-मैक्रोनी के शौकीन भी इसी का शिकार हैं। अपने फेवरेट फास्ट फूड में प्याज की कमी उनके जायके को कहीं न कहीं कड़वा कर रही है. सलाद के एक्स्ट्रा दाम
प्याज का पंगा सलाद के शौकीन भी भुगत रहे हैं। ढाबा और रेस्टोरेंट में अपने ऑर्डर के इंतजार में अक्सर सलाद साफ करने वाले शौकीनों को अब इसके लिए एक्स्ट्रा पेमेंट तक करना पड़ रहा है। सिटी के कई रेस्टोरेंट में प्याज वाली सलाद की प्लेट के 10 रुपए तक दाम कर दिए गए हैं। जहां सलाद के भी दाम वसूलने में ओनर्स झिझक रहे हैं, वहां सलाद से प्याज धीरे धीरे कम होकर सिर्फ देखने भर को रह गया है। इसकी जगह खीरे-मूली से कस्टमर्स को वेलकम किया जा रहा है। रोड साइड फास्ट फूड स्टॉल में भी चायनीज आइटम्स में कमी साफ देखने को मिल रही है। महंगाई के चलते कहीं चाउमीन, मैक्रोनी, फ्राइड राइस और मोमोस की क्वाटिंटी कम हुई है, तो कहीं इनके दामों में 5 परसेंट तक का इजाफा कर दिया गया है। दरअसल, इन फूड आइटम में टेस्ट का तड़का लगाने की जिम्मेदारी प्याज पर है।कस्टमर्स कम, सेल घटीप्याज की अगुवाई में सब्जियों के बढ़े दामों ने सिटी के फूडिंग बिजनेस को भी तगड़ा झटका दिया है। सिटी के फूड स्टॉल ओनर्स का कहना है कि महंगी सब्जियों ने उन्हें कुछ फास्ट फूड आइटम्स के दाम बढ़ाने को मजबूर किया है। इससे सेल और प्रॉफिट के मार्जिन में बड़ा अंतर आया है। एक महीना पहले और एटप्रेजेंट की सेल में परडे के हिसाब से 1200-1500 रुपए तक का अंतर आ गया है। यह आंकड़ा मंथली 40,000 से 45,000 रुपए तक पहुंच गया है। यही हाल रेस्टोरेंट ओनर्स का भी है। सिटी के ढाबा और एक ओनर्स ने बताया कि महंगाई के चलते एक महीने में ही कस्टमर्स की तादाद में करीब 20 परसेंट की कमी आ चुकी है।30 % तक गिरा बिजनेस
इंडिया में फूडिंग का बिजनेस हमेशा से पॉपुुलर होने के साथ ही सक्सेसफुल भी रहा है। लेकिन प्याज के भाव ने इस बिजनेस के भी फिलहाल आंसू निकाल दिए हैं। महंगे प्याज के चलते कई जगह फास्टफूड के दाम भी बढ़ गए हैं। इससे रोजाना फास्टफूड का मजा लेने वालों की जेब पर बोझ बढ़ा है। इससे फुटफॉल पहले के मुकाबले कम हो गई। वहीं ढाबा व रेस्टोरेंट ओनर्स का भी कहना है कि कुछ कस्टमर्स ने जहां रेगुलर आना कम किया है, वहीं कुछ रोज आने के बावजूद अपने आडर्स में कमी कर रहे हैं। प्याज ने फूडिंग बिजनेस में 30 परसेंट तक का डाउनफॉल आया है।