कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर मंगलवार को बहुप्रतीक्षित महिला आरक्षण विधेयक को जल्द पारित किए जाने की मांग करते हुए कड़े शब्दों में केन्‍द्र सरकार पर हमला बोलते हुए कि कहा हमें हमारा जायज हक दो। सोनिया ने भाजपा के अधिकतम सुशासन के नारे को लेकर सरकार पर हमला बोला और कहा कि अधिकतम सुशासन का अर्थ प्रतिशोध की भावना के बिना असहमति के आधार को विस्तार प्रदान करना भी है।


चुनाव लड़ने की लिए नहीं शिक्षा की जरूरतभाजपा शासित कुछ राज्यों में स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता को अनिवार्य बनाए जाने को लेकर भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केन्द्र सरकार को आड़े हाथ लिया। सोनिया ने कहा कि यह कदम अनुसूचित जाति और जनजाति समूहों की महिलाओं को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित करने वाला है। इस प्रावधान को समाप्त करने के लिए उन्होंने इस पर तत्काल विधायी रूप से ध्यान दिए जाने की जरूरत बतायी। सोनिया गांधी ने कहा कि यह कांग्रेस ही थी जिसने देश को आजादी मिलने के बाद महिलाओं को मताधिकार प्रदान करने की शपथ ली थी। बालिकाओं के प्रति भेदभाव, कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक बुराइयों का भी उल्लेख किया और साथ ही इन चुनौतियों से निपटने के लिए पुरुष साथी सांसदों से सहयोग की अपील भी की।कांग्रेस की महिलाओं के लिए पहल
महिल सशक्तिकरण के मुद्दे पर सबसे पहले चर्चा की शुरूआत करते हुए सोनिया गांधी ने महिलाओं के उत्थान में कांग्रेस पार्टी की भूमिका को रेखांकित किया है। कांग्रेस ने देश को पहली महिला प्रधानमंत्री पहली महिला राष्ट्रपति और पहली महिला लोकसभा अध्यक्ष दी। सोनिया ने इस बात को भी रेखांकित किया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की दूरदृष्टि के चलते ही आज स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव में 40 फीसदी से अधिक महिलाएं निर्वाचित हुई हैं। सोनिया गांधी ने कई मुद्दों को लेकर राजग सरकार की आलोचना की और उसके अधिकतम सुशासन और न्यूनतम सरकार के नारे पर भी सवाल उठाए। एनजीओ पर सरकार की सख्त कार्रवाई का सीधा जिक्र नहीं किया। उनकी बातों से स्पष्ट था कि वह सिविल सोसायटी एनजीओ और कार्यकर्ताओं को स्वतंत्रता दिए जाने की वकालत कर रही थीं।सरकार करे न्यूनतम सहयोगकांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने कहा निश्चित रूप से अधिकतम सुशासन का यह भी अर्थ है कि महिलाओं को उनका बहुप्रतीक्षित बकाया हक महिला आरक्षण विधेयक प्रदान करना है। सोनिया गांधी ने इसी क्रम में अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से मुखातिब होते हुए कहा आप में हम एक मजबूत सहयोगी देखते हैं। उन्होंने कहा कि न्यूनतम सरकार अधिकतम सुशासन पर उन्हें गंभीर आपत्तियां हैं। उन्होंने कहा अधिकतम सुशासन आर्थिक वृद्धि को गति देने से कहीं अधिक आगे की बात है। इसका अर्थ प्रतिशोध की भावना के बिना असहमति के आधार को विस्तारित करना भी है। निश्चित रूप से अधिकतम सुशासन का मतलब महिलाओं के अधिकारों के मामले में दोहरे मापदंड अपनाना भी नहीं है।

Posted By: Prabha Punj Mishra