Varanasi: अविरल गंगा की मांग को लेकर सात तपस्वियों की चल रही तपस्या लगता है जल्द रंग लायेगी. ये उम्मीद इसलिए बंधी है क्योंकि सोनिया गांधी ने शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद की ओर से गंगा की अविरलता को बनाये रखने के लिए उन्हें लिखे गये पत्र का जवाब दिया है. इस पत्र को कोरियर के थ्रू शंकराचार्य को भेजा गया है. इसमें सोनिया ने गंगा नदी की स्वच्छता और निरन्तरता को बनाए रखने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से किए गए प्रयासों की बात कही है.


Meetings का दौर है जारीपिछले दिनों शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने सोनिया गांधी को गंगा की दुर्दशा पर एक पत्र लिखा था। इसी के जवाब में सोनिया ने कोरियर के थू्र भेजे गए पत्र में कहा है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि गंगा नदी देश के करोड़ों निवासियों की धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आस्था का केन्द्र है। गंगा नदी की स्वच्छता बनाये रखने के लिए हम सभी प्रयासरत हैं। मैं आपका पत्र पीएम को यथोचित कार्रवाई के लिए अग्रसारित कर रही हूं। इस बारे में गंगा सेवा अभियानम् के सार्वभौम संयोजक स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि सोनिया गांधी का ये पत्र 14 जून को लिखा गया है लेकिन द्वारिका चले जाने के कारण लेटर के यहां आने में देरी हुई।PM ने दिया आश्वासन
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि महाराज जी ने सोमवार को पीएम व सोनिया को जो लेटर फैक्स किया था। उसके बाद मंगलवार को पीएम की ओर से श्रीप्रकाश जायसवाल और नारायण सामी ने गंगा सेवा अभियानम् की ओर से प्रमोद कृष्णनम जी के साथ बैठक की। बैठक के बाद शाम छह बजे पीएम ने नारायण सामी से मुलाकात की। पीएम से मिलने के बाद नारायण सामी ने प्रमोद कृष्णनम जी को बताया है कि पीएम का गंगा को लेकर रिस्पॉन्स पॉजीटिव है और इसपर काम कैसे होगा इसकी प्लैनिंग के बारे में वो बाद में बतायेंगे।पूर्णांबा की हालत बिगड़ीलगातार कई दिनों से गंगा को बचाने के लिए तपस्या कर रही साध्वी पूर्णांबा की हालत मंगलवार को बिगड़ गई। जीभ में सूजन आने से उनको सांस लेने में दिक्कत हो रही है। इसके अलावा शारदांबा और योगेश्वरानंद की हालत भी खराब है। जबकि गंगा प्रेमी भिक्षु और कृष्णप्रिया नंद की हालत स्थिर बनी हुई है।

Posted By: Inextlive