भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच शुरू हुई श्रंखला के पहले ये कह कर प्रचार किया गया कि मुश्किल है मजा आयेगा। मजा तो आया लेकिन अफ्रीका को जिसने डिकॉक डुप्लेसिस और डिविलियर्स के शतक से अंतिम वनडे में 214 रन से पेटीएम ट्राफी की जीत की कहानी लिखी और सीरीज अपने नाम कर ली।


अब तक की सबसे बड़ी पराजय भारतीय प्रशंसकों ने रोमांचक सीरीज के ऐसे निराशाजनक अंत की अपेक्षा नहीं की होगी। रविवार को अंतिम व निर्णायक मैच में फाफ डुप्लेसिस के सीरीज के पहले, क्विंटन डिकॉक के दूसरे और एबी डिविलियर्स के तीसरे शतक की बदौलत दक्षिण अफ्रीका ने रनों का जो पहाड़ खड़ा किया उसके तले दबी टीम इंडिया को वनडे में 214 रन से अपनी अब तक की दूसरी सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा। घरेलू मैदान पर यह भारत की सबसे बड़ी पराजय है।  पांचवें वनडे में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने चौकों-छक्कों की बरसात करते हुए निर्धारित 50 ओवर में चार विकेट पर 438 रनों का जो विशाल स्कोर खड़ा किया उसके जवाब में भारतीय टीम 36 ओवर में केवल 224 रन पर सिमट गई। दवाब में दिखी भारतीय टीम


घरेलू सरजमीं पर खुद के खिलाफ बने सर्वाधिक स्कोर के खिलाफ भारतीय बल्लेबाज दबाव में दिखे और क्रीज पर आकर आंखें जमाने से पहले ही वे बड़े शॉट मारने की कोशिश में सस्ते में अपने विकेट गंवाते गए। रोहित शर्मा (16) और विराट कोहली (07) आठ ओवर के भीतर पवेलियन लौट गए। हालांकि सीरीज में पहली बार गेंद को बल्ले के बीचों-बीच हिट कर रहे शिखर धवन (60) और लोकल ब्वॉय अजिंक्य रहाणे (87) ने तीसरे विकेट के लिए तेजी से 112 रन जोडक़र भारत की उम्मीदों को बरकरार रखा। रहाणे ने डेल स्टेन और इमरान ताहिर को खासे निशाने पर रखा, लेकिन कैगिसो रबादा ने 23वें ओवर में धवन को अपना शिकार बनाते हुए इस साझेदारी का अंत किया। अपने अगले ओवर में उन्होंने सुरेश रैना (12) को भी चलता कर रहाणे की जिम्मेदारी बढ़ा दी। बढ़ी जिम्मेदारी के दबाव में रहाणे की पारी ने भी दम तोड़ दिया। प्रोटियाज की भारत में पहली जीतभारत ने आखिरी पांच विकेट महज 29 रन के एवज में गंवा दिए, जबकि पांच बल्लेबाज तो दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सके। आखिरी बल्लेबाज के रूप में अमित मिश्रा के आउट होते ही अफ्रीकी टीम ने भारत में पहली द्विपक्षीय सीरीज पर 3-2 से कब्जा जमा लिया। दक्षिण अफ्रीका की भारत में यह पांचवीं द्विपक्षीय वनडे सीरीज थी। पिछली चार सीरीज में उसे तीन में हार का सामना करना पड़ा था, जबकि एक सीरीज ड्रॉ रही थी। भारत ने घरेलू मैदान पर करीब तीन साल पहले पाकिस्तान के खिलाफ 1-2 से वनडे सीरीज गंवाई थी। डिकॉक, डुप्लेसिस और डिविलियर्स का जलवा

इससे पहले, टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी अफ्रीकी टीम की तरफ से सलामी बल्लेबाज डिकॉक ने 87 गेंदों पर 109 रन, डुप्लेसिस ने रिटायर्ड हर्ट होने से पहले 115 गेंदों पर 133 रन और डिविलियर्स ने केवल 61 गेंदों पर 119 रन बनाकर मेजबान भारत के सामने ऐसा विशाल लक्ष्य रखा, जहां तक वह पहले बल्लेबाजी करते हुए भी नहीं पहुंचा है। भारत का वनडे में सर्वोच्च स्कोर 418 रहा है, जो उसने वेस्टइंडीज के खिलाफ 2011 में इंदौर में बनाए थे। डिकॉक ने अपनी पारी में 11 चौके और एक छक्का जडक़र नींव रखी, जबकि डुप्लेसिस ने रिटायर होने से पहले छह छक्के और नौ चौके जड़े। डिविलियर्स ने आखिर में 11 छक्के और तीन चौके जड क़र भारतीय गेंदबाजी का दम पूरी तरह से निकाल दिया। बड़ी साझेदारियों ने किया भारत को पस्त

बल्लेबाजी के लिए अनुकूल पिच पर डिकॉक और डुप्लेसिस ने दूसरे विकेट के लिए 137 गेंदों पर 154 रन की साझेदारी करके पारी की मजबूत नींव रखी। डुप्लेसिस ने इसके बाद डिविलियर्स के साथ 103 गेंदों पर 164 रन जोड़े। भारत के सभी गेंदबाजों ने रन लुटाए। ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने पहले सात ओवरों में केवल 36 रन दिए, लेकिन आखिर में वह दस ओवर में 70 रन लुटा गए। भुवनेश्वर कुमार ने तो अपने दस ओवर में 106 रन देकर एक विकेट लिया। भारत की तरफ से एक मैच में सर्वाधिक रन देने का यह नया रिकॉर्ड है। इससे पहले आर विनय कुमार ने 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेंगलुरु में नौ ओवर में 102 रन दिए थे।

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Posted By: Molly Seth