सदनलाल सांवलदास खन्ना महिला महाविद्यालय में विशिष्ट व्याख्यान

अंतरमहाविद्यालयी प्रतियोगिता के विजेताओं को किया गया पुरस्कृत

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PRAYAGRAJ: सदनलाल सांवलदास खन्ना महिला महाविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग के तत्वावधान में विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसका विषय था 'प्राचीन भारत में धर्म की अवधारणा एवं वर्तमान में उसकी प्रासंगिकता'। विशिष्ट वक्ता इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो। सीडी पांडेय ने साहित्यिक सन्दभरें में धर्म की परिभाषा, बहुदेववाद, एकत्ववाद, ब्रह्मण्डीय व्यवस्था, यज्ञीय व्यवस्था और नैतिक व्यवस्था पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर अन्तर्महाविद्यालयी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किया गया। इसका विषय था 'उच्च शिक्षा एवं रोजगार में इतिहास विषय की संभावनाएं'।

स्वाति व अंकिता प्रथम

प्रतियोगिता में इविवि की स्वाति मिश्रा एवं एसएस खन्ना की अंकिता प्रधान ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। मातृ भाषा दिवस के अवसर पर उर्दू, हिंदी, बंग्ला, पंजाबी भाषा में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमे उर्दू विभाग की डॉ। ताहिरा परवीन और छात्राओं ने भी उर्दू नज्में पढ़ी। इनमे बुशरा, फिरदोस, गुलफ्शा शामिल रहीं। कॉलेज के वनस्पति विज्ञान विभाग में स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली के डॉ। रवि टंडन ने वनस्पति विज्ञान के छात्राओं को रोल ऑफ माइक्रोबायोटा इन एचआईवी डिजिज प्रोग्रेसन विषय पर व्याख्यान दिया।

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जाति 5000 वषरें की हकीकत

ईश्वर शरण पीजी कॉलेज में आईसीएसएसआर नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित 'जाति, लोकतांत्रिक राजनीति और राष्ट्र निर्माण-मुद्दे, चुनौतियां और संभावनाएं' विषय पर द्विदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन हुआ। मुख्य अतिथि इलाहाबाद राज्य विवि के कुलपति प्रो। राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि जाति भारतीय समाज की विगत 5000 वषरें के समयान्तराल की असलियत है और पिछले 08 दशकों से सामाजिक सांस्कृतिक स्तर पर व्यापक संकट पैदा हुए हैं। विशिष्ट अतिथि इविवि में राजनीति विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो। वीके राय के अनुसार जाति के दबाव में हमारे राजनीतिक मूल्य संस्कारहीनता की ओर अग्रसर हैं।

Posted By: Inextlive