कमिश्नर की अध्यक्षता में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में हुई बैठक

एनसीआरटीसी ने अधिकारियों ने दिया प्रजेंटेशन

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरीडोर के साथ विकसित होगा स्पेशल डवलेपमेंट एरिया

कॉरीडोर के आसपास बढ़ेंगे जमीन के दाम, लैंड यूज चेंज किया जा सकेगा

Meerut। दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल से वेस्ट यूपी के विकास को पंख लगेंगे। शुक्रवार को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में कमिश्नर अनीता सी मेश्राम की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में विकास का ब्लू प्रिंट तैयार किया गया। मेरठ-गाजियाबाद में स्पेशल डेवलेपमेंट एरिया बनाया जाएगा तो वहीं 4 स्थानों पर स्टेशन के दोनों ओर डेढ़-डेढ़ किमी क्षेत्रफल को इन्फ्लुएंस जोन घोषित किया जाएगा। निर्माणकारी संस्था नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) के अधिकारियों ने विकास की संभावनाओं पर प्रजेंटेशन दिया।

तैयार किया ब्लू प्रिंट

21,902 करोड़ रुपए की दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार के अलावा जायका, एडीबी और व‌र्ल्ड बैंक से सॉफ्ट लोन लिया जाएगा। आरआरटीएस घाटे की योजना साबित न हो इसके लिए गत दिनों केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से मौजूदा स्थितियों का अध्ययन करने के निर्देश दिए थे। साथ ही सरकार ने निर्माणकारी संस्था एनसीआरटीसी को वैल्यू कैप्चर फाइनेंस (वीसीएफ) पॉलिसी को तैयार करने के निर्देश दिए थे। एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने शुक्रवार जीडीए में आयोजित बैठक में वीसीएफ पॉलिसी पर प्रजेंटेशन दिया, जिसके बाद गाजियाबाद और मेरठ विकास प्राधिकरण ने संशोधन के संबंध में प्रस्ताव भी दिए।

योजना में आय के स्रोत

रेवेन्यू बॉक्स

स्टेशन में स्थित संपत्ति के किराए से

प्रॉपर्टी डेवलेपमेंट

विज्ञापन अधिकार

ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलेपमेंट (टीओडी) पर ट्रांजेक्शन सेस

4 बदलाव लाएंगे 'धन'

अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) की बिक्री।

गाजियाबाद और मेरठ विकास प्राधिकरण को आरआरटीएस कॉरीडोर के आसपास डेवलेपमेंट पर एफआरए बढ़ाकर अतिरिक्त इनकम का प्रस्ताव है। एफएआर में 4 गुना की वृद्धि को प्रस्तावित किया गया।

अतिरिक्त स्टांप ड्यूटी लेकर

कॉरीडोर के आसपास संपत्ति की कीमतों में रिकार्ड इजाफा होगा। इसका फायदा जनसामान्य के साथ-साथ सरकार को भी हो, इसके लिए खरीद-फरोख्त पर स्टांप ड्यूटी को बढ़ाकर सरकार आय बढ़ा सकती है। गाजियाबाद और मेरठ में 1 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी में बढोत्तरी पर सहमति बनी।

अतिरिक्त विकास शुल्क लेकर

गाजियाबाद और मेरठ विकास प्राधिकरण अतिरिक्त विकास शुल्क लेकर आय बढ़ा सकती है। 25 प्रतिशत तक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट का प्रस्ताव रखा गया।

लैंडयूज बदलकर

दोनों विकास प्राधिकरण कॉरीडोर के आसपास लैंडयूज बदलकर फीस के तौर पर आय बढ़ा सकते हैं।

बनेंगे स्पेशल डेवलेपमेंट एरिया

ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलेपमेंट के लिए सभी आरआटीएस स्टेशन को केंद्र बिंदु पर रखते हुए 1.5 त्रिज्या किमी की दूरी तक स्पेशल जोन घोषित किया जाएगा। इस जोन को अंतरराष्ट्रीय तौर पर विकसित किया जाएगा। कॉमर्शियल, इंडस्ट्रियल और रेजीडेंशियल एरिया को इस जोन में आइडेंटीफाई किया जाएगा। इसे इन्फ्लूएंट जोन (आईजेड) का नाम दिया गया है। गाजियाबाद के 4 और मेरठ के 6 स्टेशन के चारों ओर 1.5 किमी त्रिज्या की दूरी तक डेवलेपमेंट का ब्लू प्रिंट भी एनसीआरटीसी ने अपने प्रजेंटेशन में दिया।

4 स्पेशल डेवलेपमेंट एरिया बनेंगे

आरआरटीएस कॉरीडोर से सटकर गाजियाबाद के गुलधर और दुहाई व मेरठ के मेरठ दक्षिण और मोदीपुरम में स्पेशल डेवलेपमेंट एरिया (एसडीए) को विकसित किया जाएगा। विस्तृत औद्योगिक गतिविधियों के लिए एसडीए की पहचान होगी तो वहीं दिल्ली-एनसीआर के बड़े उद्योंगों को यहां लाने का प्रयास किया जाएगा। एसडीए का क्षेत्रफल 250 हेक्टेयर से 400 हेक्टेयर तक होगा।

बनेगा आरआरटीएस बोर्ड

बैठक में कमिश्नर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इंन्फ्लुएंस जोन और स्पेशल डेवलेपमेंट एरिया में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलेपमेंट पॉलिसी के क्रियान्वयन के लिए एक मैनेजमेंट बोर्ड का गठन का प्रस्ताव दिया गया। इस बोर्ड को आरआरटीएस बोर्ड का नाम दिया जाएगा। बोर्ड के अलावा एक संयुक्त नोडल एजेंसी के गठन का सुझाव भी प्रस्ताव में शामिल है। नोडल एजेंसी को टीओडी सेल का नाम दिया जाएगा जो टीओडी पॉलिसी बनाएगी। इस सेल का मुखिया डेवलेपमेंट डायरेक्टर होगा जो मैनेजमेंट बोर्ड को सपोर्ट करेगा। इसके अलावा एनसीआरटीसी ने सुझाव दिया कि एक टीओडी फंड भी बनाया जाए, जिसमें विभिन्न माध्यमों से प्राप्त आय का 80 फीसदी तक ट्रांसफर किया जा सके।

दिए सुझाव भी

बैठक में एमडीए ने सुझाव भी दिए। जिसमें कहा गया कि

वर्तमान में यूपी में विकास शुल्क भूमि के कुल क्षेत्रफल पर लिया जा रहा है, प्रस्ताव में इसे बिल्डअप एरिया में लिए जाने का सुझाव है। ऐसे में विकास शुल्क नियमावली-2014 में संशोधन करना होगा।

गाजियाबाद और मेरठ में प्राइवेट बिल्डर मौजूदा एफएआर को अधिक बता रहे हैं ऐसे में 4 गुना तक एफएआर में मुश्किल कदम है।

गाजियाबाद में मेट्रो का संचालन हो रहा है, ऐसे में मेट्रो सेस के साथ-साथ रैपिड सेस देना मुश्किल होगा।

जेनर्म और अमृत योजनाओं में भारत सरकार ने शहरी जनता से स्टांप ड्यूटी को कम करने का वायदा किया है, ऐसे में 1 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी को बढ़ाना केंद्र सरकार के वायदे के विरुद्ध होगा।

डीओडी फंड में ट्रांसफर की जाने वाली धनराशि 80 फीसदी नहीं बल्कि अधिकतम 50 फीसदी हो।

विकास शुल्क में 25 फीसदी की बढोत्तरी के प्रस्ताव पर भी एमडीए और जीडीए ने आपत्ति उठाई। उन्होंने कहा कि-ऐसे में भूमि की कीमत काफी बढ़ जाएगी, कहीं ऐसा न हो कि ज्यादा कीमत के चलते उद्योग न आ सकें?

विभिन्न स्थलों पर बदलाव के बाद आने वाले परिवर्तन पर एमडीए ने बाकायदा हिसाब लगाकर कमिश्नर के समक्ष रखा।

देश के ज्यादातर शहरों के मेट्रो प्रोजेक्ट में 2 बिंदुओं पर बढ़ोत्तरी है, केवल जयपुर में 3 बिंदुओं पर बढोत्तरी की गई है। ऐसे में रैपिड रेल प्रोजेक्ट के साथ 4 बिंदुओं में बढोत्तरी क्या सही रहेगी? आदि।

बैठक में कमिश्नर के अलावा एमडीए उपाध्यक्ष साहब सिंह, जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा, मुख्य नगर नियोजक इश्तियाक अहमद, एडीएम के एटीपी गोर्की, एनसीआरटीसी के सीपीआरओ सुधीर कुमार शर्मा एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।

Posted By: Inextlive