- दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने को आरटीओ ने शुरू की कवायद

-1 नवम्बर से वाहनों में स्पीड गवर्नर लगने के बाद ही मिलेगा फिटनेस सर्टिफिकेट

GORAKHPUR: सुरक्षा के इंतजाम को बेहतर करने के लिए परिवहन विभाग तमाम कोशिशें कर रहा है। सिटी के अंदर हो रहे हादसों का मेन कारण वाहनों की तेज रफ्तार होती है। इनकी स्पीड पर लगाम लगाने के लिए परिवहन विभाग ने अब वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाना जरूरी कर दिया है। जिन वाहनों में स्पीड गवर्नर नहीं लगा पाया जाएगा उन वाहनों का आरटीओ विभाग फिटनेस नहीं पास करेगा। इसके लिए सबसे पहले सिटी में चलने वाले कामर्शियल वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उसके बाद अन्य वाहनों में भी स्पीड गवर्नर लगाकर उनकी रफ्तार पर अंकुश लगाया जाएगा।

स्कूली बसों से होगी शुरूआत

स्पीड गवर्नर लगने के बाद वाहन तय स्पीड से ज्यादा नहीं चल पाएंगे। आरटीओ प्रशासन इसकी शुरूआत स्कूली बसों से करने जा रहा है। सिटी में सभी स्कूलों की बसों की संख्या लगभग 944 होगी। जिनमे स्पीड गवर्नर लगाने के लिए उन्होंने स्कूलों में पत्र भी भेजना शुरू कर दिया है। 1 नवंबर से फिटनेस के लिए आने वाली स्कूली बसों को पहले स्पीड गवर्नर लगवाना जरूरी है। इसके बाद ही उन्हें फिटनेस जारी किया जाएगा।

छह कंपनी को दिया सार्टिफिकेट

कामर्शियल वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाने के लिए लगभग 6 हजार रुपए वाहन मालिकों को खर्च करने पड़ेंगे। वहीं परिवहन विभाग ने स्पीड गवर्नर लगाने के लिए 6 कंपनियों को अधिकृत भी कर दिया है। जहां पर वाहनों में ये यंत्र लगाए जाएंगे।

छेड़छाड़ की तो फिटनेस निरस्त

वाहनों में स्पीड गवर्नर लगने के बाद उनकी गति सीमित हो जाएगी। इसके बाद ड्राइवर वाहनों को तय गति से ज्यादा नहीं चला पाएंगे। अगर किसी ने भी स्पीड गवर्नर के साथ छेड़छाड़ की तो उसके साथ परिवहन विभाग सख्ती से निपटेगा और उसका फिटनेस निरस्त कर देगा।

गति निर्धारित

एक्सप्रेस-वे - फोरलेन - नगरीय - अन्य

स्कूली बस की स्पीड- 120-100-70-70

मैजिक की स्पीड- 100-90-60-60

माल वाहक ट्रक- 80-80-60-60

मोटर साइकिल- 80-80-60-60

चौपहिया वाहन- -60-50-50

तिपहिया वाहन- - 50-50-50

वर्जन-

सिटी में दुर्घटना को रोकने के लिए वाहनों की गति पर लगाम लगाया जाएगा। पहले चरण में कामर्शियल वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाने का काम शुरू किया जाएगा।

श्याम लाल, आरटीओ प्रशासन

Posted By: Inextlive