- 295 किमी है बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे की लंबाई

- 91 किमी होगी गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे की लंबाई

- 596 किमी लंबा बनेगा गंगा एक्सप्रेस वे

- यूपीडा बनवाने जा रहा एप, कंपनियों से मांगे प्रस्ताव

- बुंदेलखंड और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे को मांगे प्रपोजल

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: सूबे में बनने वाले एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्यो पर नजर रखने के लिए तकनीक की मदद ली जाएगी। यूपी एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी जल्द ही एक मोबाइल एप विकसित करने की तैयारी में है जिसकी मदद से एक्सप्रेस वे के निर्माण की पल-पल की गतिविधियों पर न केवल नजर रखी जा सकेगी बल्कि रोजाना की रिपोर्ट भी पलक झपकते ही वरिष्ठ अधिकारियों को मिल सकेगी। इसके लिए यूपीडा ने इच्छुक कंपनियों से एप डेवलप करने का प्रस्ताव भी मांगा है। चयनित कंपनी को चार हफ्ते के भीतर यह एप विकसित करके और उसे संचालित करके देना होगा। इसका इस्तेमाल यूपीडा के सारे प्रोजेक्ट्स में किया जाएगा।

दो एक्सप्रेस वे के मांगे प्रपोजल

वहीं दूसरी ओर यूपीडा ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए कंस्ट्रक्शन कंपनियों का चयन करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। आगरा से छह पैकेज में बनने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के लिए कंपनियां ई-टेंडर पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकती है। इसी तरह गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के लिए भी कंपनियों से आवेदन मांगे गये है। यह एक्सप्रेस वे फोर लेन एक्सेस कंट्रोल होगा। इसको आजमगढ़ से पहले पूर्वाचल एक्सप्रेस वे से जोड़ने की तैयारी है। आवेदन मिलने के बाद यूपीडा के अधिकारी इसका गहन परीक्षण करके आगे की प्रक्रिया शुरू करेंगे ताकि दोनों एक्सप्रेस वे का कार्य जल्द शुरू किया जा सके।

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भूमि अधिग्रहण में खर्च करेंगे 13 हजार करोड़

प्रयागराज में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट ने गंगा एक्सप्रेस वे बनाने का ऐलान किया था जिसके बाद यूपीडा ने इसे अमली जामा पहनाने की तैयारी शुरू कर दी है। दरअसल कैबिनेट की अनुमति मिलने के एक साल के भीतर इसका निर्माण कार्य शुरू करना है। करीब 36 हजार करोड़ की लागत से बनने वाले दुनिया के सबसे बड़े एक्सप्रेस वे के लिए बड़े पैमाने पर भूमि अधिग्रहण भी होना है जिसके लिए यूपीडा करीब 13 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। वहीं यूटिलिटी शिफ्टिंग में भी 750 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। खास बात यह है कि इस एक्सप्रेस वे को सुगम और सुरक्षित रखने के लिए पांच साल तक की मेंटीनेंस कॉस्ट को भी इसमें जोड़ा गया है। इस पर यूपीडा 1382 करोड़ रुपये खर्च करेगा। ध्यान रहे कि यह एक्सप्रेस वे पश्चिमी उप्र के मेरठ को प्रयागराज से जोड़ेगा। वहीं फेस टू के तहत इसे मेरठ से उत्तराखंड बार्डर और प्रयागराज से बलिया तक ले जाने की तैयारी है।

कोट

एक्सप्रेस वे और यूपीडा के बाकी अन्य प्रोजेक्ट्स के निर्माण कार्यो पर नजर रखने के लिए मोबाइल एप विकसित किया जाना है। इसके लिए कंपनियों से आवेदन मांगे गये हैं।

- अवनीश कुमार अवस्थी, सीईओ, यूपीडा

Posted By: Inextlive