DEHRADUN :पांच दिवसीय उत्तराखंड स्प्रिंग बर्ड फेस्टिवल 2014 का आगाज हो गया है. वेडनसडे को राज्यपाल डा. अजीज कुरैशी ने इसका इनॉगरेशन किया. उन्होंने कहा कि इकोलॉजी व एंवायरनमेंट बैलेंस करने के लिए वन व वन्यजीवों का संरक्षण जरूरी है. उन्होंने कहा कि 70 के दशक में देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लागू वाइल्ड लाइफ एक्ट ने वन व वन्यजीवों को जो सुरक्षा कवच प्रदान किया है उसके प्रति सभी को आभारी होना चाहिए.


106 बर्ड की आवाज वाली सीडीदून से करीब 40 किमी दूर हर्बटपुर आसन बैराज के निकट फॉरेस्ट गार्ड ट्रेनिंग सेंटर में उत्तराखंड स्प्रिंग बर्ड फेस्टिवल 2014 आयोजन किया गया। राज्यपाल ने आसन कंजर्वेशन रिजर्व का लोगो, उत्तराखंड की 680 प्रकार प्रजाति के बड्र्स से संबंधित 20 प्रमुख स्थानों की सूची और 106 पक्षियों की साउंड सीडी का भी लोकार्पण किया। इस मौके पर नेचर साइंस इनिशिएटिव द्वारा राज्यपाल को बुलबुल पक्षी की पेंटिंग भी भेंट की गई।186 बर्ड स्पेशीज उत्तराखंड में


इस दौरान स्प्रिंग बर्ड फेस्टिवल 2014 के प्रमुख संयोजक चीफ फॉरेस्ट कंजर्वेटर इकोटूरिज्म राजीव भरतरी के अनुसार इस आयोजन से उत्तराखंड को देश-दुनिया में नेचर प्रेमियों के बीच नई पहचान मिलेगी। तितली ट्रस्ट के संजय सोढ़ी के मुताबिक देश में पाई जाने वाली 1303 बर्ड स्पीशीज में से 186 स्पीशीज उत्तराखंड में मौजूद हैं। ऑस्ट्रेलिया के ग्रिपिथ युनिवर्सिटी से आई डा। इलेक्जेंड्रा ने नेचर टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ पहचान देने पर जोर दिया। इस मौके पर प्रमुख मुख्य वन संरक्षक एसएस शर्मा, वन संरक्षक रंजन मिश्रा, मुख्य वन संरक्षक गंभीर सिंह, मुख्य वन संरक्षक धनंजय सिंह, डा। रमन कुमार आदि मौजूद रहे।रेयर पलास ईगन आठ साल बाद आई

वल्र्ड फेम आसन बैराज में इस वक्त हजारों प्रवासी बड्र्स का जमघट लगा हुआ है, जिनमें रेयर बर्ड पलास ईगन, जल पक्षी-बगुले, ईग्रेट, स्टार्क, आईबिस, बतख, मैलार्ड टील व कामन गोल्डन करीब आठ साल बाद आसान बैराज में आई है, जिनको देखने के लिए तमाम इकोटूरिज्म से संबंधित टूरिस्ट खुश हैं।

Posted By: Inextlive