इस सप्ताह नवरात्रि के दो बड़े दिन अष्टमी और नवमी आने वाले हैं। नवमी के दिन ही चैत्र नवरात्रि का समापन भी हो रहा है। आइए जानते हैं इस सप्ताह के व्रत और त्योहार के बारे में।

10 अप्रैल: श्री पंचमी।

11 अप्रैल: सूर्य षष्ठी व्रत।

13 अप्रैल: महानिशा पूजा। श्री दुर्गाष्टमी।

14 अप्रैल: रामनवमी व्रत। चैत्र नवरात्रि समाप्त। वैशाखी।

15 अप्रैल: कामदा एकादशी व्रत स्मार्त।

16 अप्रैल: कामदा एकादशी व्रत वैष्णव।

निर्झरिणी

सुंदरता तब ही अच्छी लगती है, जब मन के भाव भी शुद्ध व पवित्र हों। आपके चेहरे पर मन के भाव ही झलकते हैं। — रामानुजाचार्य

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यथार्थ गीता

मात्रास्पर्शास्तु कौन्तैय शीतोष्णसुखदु:खदा:। आगमापायिनोनित्यास्तांस्तितिक्षस्व भारत।

हे कुंतीपुत्र, सुख-दुख और सर्दी-गर्मी को देनेवाली इंद्रियों और विषयों के संयोग तो अनित्य हैं, क्षणभंगुर हैं, इसलिए तू इनका त्याग कर। विषयों का संयोग न सदैव मिलेगा और न सदैव इंद्रियों में क्षमता ही रहेगी। इसलिए अर्जुन, तू इनका त्याग कर, सहन कर। वस्तुत: सर्दी-गर्मी, सुख-दुख, मान-अपमान को सहन करना एक योगी पर निर्भर करता है। यह हृदय-देश की लड़ाई का चित्रण है। बाहर युद्ध के लिए गीता नहीं कहती। यह क्षेत्र-क्षेत्रज्ञ का संघर्ष है, जिसमें आसुरी संपद का सर्वथा शमन कर परमात्मा में स्थिति दिलाकर दैवी संपद् भी शांत हो जाती है।

 

Posted By: Kartikeya Tiwari