इसके बाद बौद्ध और मुसलमान संप्रदाय के लोगों के बीच झड़पें हुईं. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने इलाक़े में कर्फ्यू लगा दिया है.


पिछले महीने इस मस्जिद के पास बौद्धों के एक समूह ने प्रदर्शन किया था. उन्होंने मस्जिद को हटाकर कहीं और ले जाने की मांग की थी.शनिवार को हुई  झड़पों में कई घरों को भी नुक़सान पहुँचा है. घायलों में दो पुलिसवाले भी शामिल हैं, जो मस्जिद की सुरक्षा के लिए तैनात थे."हमले की सूचना मिलने पर पुलिस और विशेष कार्यबल को इलाके में भेजा गया, जिसने स्थिति पर काबू पाया"-पुलिस के प्रवक्ताधार्मिक तनावकोलंबो में बीबीसी संवाददाता आज़म अज़ीम को प्रभावित इलाक़े के एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि मस्जिद में जब शाम की नमाज़ अदा की जा रही थी तो भीड़ ने पत्थरबाजी की.एक पुलिस प्रवक्ता ने बीबीसी को बताया कि पुलिस और विशेष कार्यबल को इलाके में भेजा गया, जिसने स्थिति पर काबू पाया.
ख़बरों के मुताबिक बौद्ध भिक्षुओं ने इलाक़े में मस्जिद की मौजूदगी पर ऐतराज जताया था. लेकिन वे रमजान खत्म होने तक मुस्लिमों को उसमें नमाज पढ़ने देने के लिए राजी हो गए थे.लेकिन मुस्लिमों का कहना है कि श्रीलंका के धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने उन्हें मस्जिद में आगे भी नमाज पढ़ने की इजाजत दी थी. हमले की आशंका को देखते हुए विशेष पुलिस सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराई गई थी.


हाल के वर्षों में श्रीलंका में धार्मिक तनाव में बढ़ोतरी हुई है. बौद्ध समूहों ने मस्जिदों और मुसलमानों के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर हमले किए हैं. इसी तरह चर्चों और पादरियों को भी निशाना बनाया गया है.धर्मांतरण का आरोपइस साल फ़रवरी में एक समूह ने खाद्य पदार्थों को प्रमाणित करने की  मुसलमानों की हलाल पद्धति को ख़त्म करने की मांग की थी.बौद्धों ने मुसलमानों और इसाइयों पर बौद्धों का अपने धर्म में धर्मांतरण कराने का आरोप लगाया था.संवाददाताओं के मुताबिक़ मुसलमानों और इसाइयों ने इन आरोपों से इनकार किया है.श्रीलंका की दो करोड़ की आबादी में सिंहली बौद्ध समुदाय की आबादी क़रीब तीन चौथाई है.श्रीलंका में मुसलमान तमिलभाषी अल्पसंख्यक हैं. उनकी आबादी क़रीब नौ फ़ीसदी है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh