- कानूनी कार्रवाई से फिलहाल बचे एसएसपी परीक्षित कुमार, अभी भी गले पर लटकी है विभागीय कार्रवाई की तलवार

HARIDWAR: हरिद्वार में महिला कांस्टेबल से यौन उत्पीड़न के मामले में एडिशनल एसपी परीक्षित कुमार के लिखित माफी मांगने पर पीडि़ता ने जांच कमेटी के सामने पेश होकर कार्रवाई से इन्कार कर दिया। शिकायतकर्ता के पीछे हटने से एएसपी कानूनी कार्रवाई से फिलहाल बच गए, मगर विभागीय कार्रवाई की तलवार अभी भी लटकी हुई है।

महिला कांस्टेबल ने एएसपी पर लगाए थे आरोप

हरिद्वार में सीओ सिटी के पद पर तैनात रहे एएसपी परीक्षित कुमार पर एक महिला कांस्टेबल ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। तत्कालीन एसएसपी रिधिम अग्रवाल ने एसपी सिटी ममता वोहरा की अगुवाई में एक कमेटी का गठन का जांच सौंप दी। करीब आठ दिन तक मामला दबा रहा, मगर नए एसएसपी के आने और मीडिया को भनक लगने पर शुक्रवार को पीएचक्यू ने एएसपी को इंटेलिजेंस मुख्यालय से अटैच कर दिया। पहले दिन से ही मामला रफा-दफा करने के प्रयास जारी रहे। पीडि़ता के भाई पर दबाव बनाने की चर्चाएं भी कई दिन से महकमे में सुनी जा रही थी। आखिरकार मामला दबाने और सुलह कराने की कोशिश रंग लाई। पीडि़ता इस बात पर राजी हो गई कि एएसपी लिखित रूप में माफी मांग लें, तो वह समझौते पर विचार कर सकती हैं। एएसपी परीक्षित कुमार ने अपनी गलती मानते हुए लिखित रूप में माफी मांगी और दोबारा ऐसी गलती न करने का भरोसा भी दिलाया। इसके बाद पीडि़ता ने जांच कमेटी के सामने हाजिर होकर कार्रवाई करने से इन्कार कर दिया। जांच कमेटी ने पीडि़ता के दोबारा बयान दर्ज कर अपनी रिपोर्ट एसएसपी जन्मेजय प्रभाकर खंडूरी को सौंप दी। पूरे प्रकरण पर कानूनी कार्रवाई से एएसपी को फौरी राहत मिल गई है, मगर जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर विभागीय कार्रवाई तय मानी जा रही है। इधर, हरिद्वार के एसएसपी जन्मेजय प्रभाकर खंडूरी ने कहा कि परीक्षित कुमार ने यौन उत्पीड़न के मामले में माफी मांग ली है। पीडि़ता ने उन्हें माफ करते हुए कानूनी कार्रवाई से मना कर दिया है। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मुझे सौंपी है। जिसमें विभागीय कार्रवाई की संस्तुति भी की गई है। चूंकि कार्रवाई शासन स्तर से होनी है, लिहाजा जांच रिपोर्ट पीएचक्यू भेज दी गई है।

Posted By: Inextlive