-कलक्ट्रेट में शताब्दीनगर प्रकरण पर किसानों ने जलाया चूल्हा

-डीएम ने एमडीए अफसरों के साथ आकस्मिक बैठक की, आश्वासन

-हर माह होगी प्रगति की समीक्षा, घंटों चला मंथन, गरमाया माहौल

Meerut । मुआवजे की मांग को लेकर दो साल से शताब्दी नगर में धरना दे रहे किसानों ने मंगलवार को कलक्ट्रेट में चूल्हा जलाया। किसानों के आंदोलन से घबराए प्रशासन ने आनन-फानन में बैठक की। इसमें तय किया गया कि एकमाह का समय दिया जाए। इस अवधि में शासन स्तर पर पैरवी करके डीएम किसानों की समस्या का समाधान करेंगे। बचत भवन में घंटों चली बैठक में निष्कर्ष निकला कि अब हर महीने प्रगति को लेकर बैठक होगी। वहीं किसानों ने फैसला लिया कि धरना जारी रहेगा, यदि प्रशासन समस्या का समाधान नहीं कर पा रहा है तो इस बार आरपार की लड़ाई होगी।

चार घंटे चली बैठक

भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत की अगुवाई में विजयपाल घोपला समेत सैकड़ों किसान डीएम से वार्ता को कलक्ट्रेट पहुंचे थे। डीएम ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल संग बैठक की। किसान नई भूमि अर्जन नीति के तहत मुआवजे की मांग को लेकर अड़े रहे। चार घंटे चली बैठक में किसान कई बार उग्र भी हुए। हालांकि एमडी उपाध्यक्ष योगेंद्र यादव ने उन्हें शांत किया। डीएम ने किसानों की समस्याओं को गंभीरता से सुना। बैठक के दौरान राकेश टिकैत ने सुझाव दिया कि किसानों का काम कितना आगे बढ़ रहा है, इसकी हर महीने उन्हें प्रगति रिपोर्ट पता चले। जिस पर डीएम ने भी सहमति जताई।

शासन तक पहुंचेगी मांग

बढ़े हुए मुआवजे की मांग कर रहे किसानों से डीएम जगत राज ने कहा कि मामले में शासन से बात की जाएगी। बताया कि 374 किसानों ने शासन में 'मुआवजा देने अथवा जमीन वापस देने' की मांग की है। डीएम ने कहा कि एमडीए इस पर अपनी रिपोर्ट भेज चुका है। किसानों का पक्ष शासन में रखा जाएगा।

एक अक्टूबर को फिर बैठक

डीएम ने किसानों से एक महीने का समय मांगा। आगामी बैठक एक अक्टूबर को होगी। एक महीने में प्रशासन द्वारा की गयी प्रगति किसानों को बताई जाएगी। जमीन एमडीए के नाम होने पर बिजली कनेक्शन न मिलने की समस्या भी बतायी। जिसपर डीएम ने बिजली विभाग के अधिकारियों को किसानों को कनेक्शन देने के निर्देश दिए।

महिलाओं ने जलाया चूल्हा

मंगलवार प्रात: 10 बजे किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों में सवार होकर आए। बड़ी संख्या में महिलाओं ने बरगद के पेड़ के नीचे चूल्हा जला लिया तो वहीं कढ़ाई चढ़ते ही प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। वार्ता के बाद राकेश टिकैत, विजयपाल घोपला ने धरना समाप्ति की घोषणा की तो अफसरों ने राहत की सांस ली। बाबा इलम सिंह, विनोद जिटौली, सुंदर घोपला, संजय दौरालिया आदि मौजूद थे।

हाईकोर्ट का दिया हवाला

बैठक में डीएम ने हाईकोर्ट के बुलंदशहर के मामले का हवाला दिया। हाईकोर्ट में 17 अगस्त को आए आदेश में जमीन अधिग्रहण के अंतर्गत 43 हजार किसान का भुगतान था, जिसे जिला प्रशासनिक अफसरों ने वार्ता के बाद 16 लाख कर दिया। इस पर हाइकोर्ट ने कड़ा ऐतराज जताया जबकि मामले में जांच भी बिठा दी गयी है। ऐसे में मंगलवार को अफसरों ने हाइकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए शासन के पाले में गेंद फेंकी। वहीं डीएम ने निर्विवाद प्रकरण में किसानों को मुआवजे के भुगतान के निर्देश एमडीए को दिए।

तीन बार मिला मुआवजा

शताब्दीनगर के किसानों को तीन बार मुआवजा दिया जा चुका है। एमडीए ने बताया कि शताब्दीनगर, लोहियानगर, वेदव्यासपुरी, गंगानगर आदि कालोनियों का 14 अगस्त 1987 को अधिग्रहण हुआ जबकि अवार्ड 22 फरवरी 1990 को हुआ। शताब्दीनगर के किसानों को तब मुआवजा मिला। 2008 में 165 रुपये तथा 2011 में प्राधिकरण ने 690 रुपये बढ़ा हुआ मुआवजा लागू किया।

इनसेट

आज भी किसान भरेंगे हुंकार

शताब्दीनगर का मसला टला तो गंगानगर, लोहियानगर व वेदव्यासपुरी के किसानों ने भी कमर कस ली है। शताब्दीनगर की तर्ज पर 690 रुपये के हिसाब से मुआवजा देने की मांग कर रहे किसान बुधवार को एमडीए उपाध्यक्ष से वार्ता करेंगे।

Posted By: Inextlive