- अवेयरनेस कार्यक्रम और लार्वा निरीक्षण भी हो रहा प्रभावित

- कई बार विभागीय अधिकारी शासन को भेज चुके हैं नियुक्ति करने को पत्र

181 पद हैं फील्ड वर्कर के

163 वर्कर के पद पड़े हैं खाली

12 बार शासन को भेज चुके पत्र

70 हजार मलेरिया पॉजिटिव मरीज पिछले साल मंडल में मिले

बरेली : शहर में मलेरिया का प्रकोप बढ़ रहा है. लेकिन उसके लिए विभाग की तैयारियां कैसी हैं इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि विभाग में लंबे समय से फील्ड वर्कर्स के 163 पद रिक्त हैं और सिर्फ 18 वर्कर्स पर ही पूरी जिले को मलेरिया मुक्त करने की जिम्मेदारी है. स्टाफ की कमी को लेकर जिला मलेरिया अधिकारी ने कई बार पत्र भेजकर शासन और स्वास्थ्य विभाग से नियुक्ति की मांग की लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.

12 बार भेजा गया पत्र

डीएमओ ने वर्ष 2007 से वर्ष 2018 तक शासन और स्वास्थ्य विभाग को 12 बार नोटिस भेजकर नियुक्ति की मांग की लेकिन आश्वासन के सिवाए कुछ भी हाथ नहीं लगा. फील्ड वर्कर्स की कमी होने के कारण अवेयरनेस कार्यक्रम से लेकर निरीक्षण सभी कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

एक सदस्यीय टीम करती है अवेयर

इन 18 वर्कर्स पर पूरे जिले की जिम्मेदारी है. अलग अलग एरिया में जाकर लोगों को अवेयर करने के साथ ही निरीक्षण करना भी इन्हीं की जिम्मेदारी है. ऐसे में विभाग एक-एक वर्कर को अलग-अलग एरिया में भेजकर अवेयरनेस कार्यक्रम चला रहा है.

प्राइवेट कर्मचारी भी नहीं मिले

शासन की ओर से नियुक्ति में जब हीलाहवाली की गई तो मलेरिया विभाग ने व्यवस्थाएं सुधारने के लिए स्वास्थ्य विभाग से वर्ष 2015 में प्राईवेट कर्मचारियों की तैनाती करने की मांग की लेकिन इस मांग को भी विभाग ने नकार दिया.

बरेली में मिले थे सबसे ज्यादा मरीज

वर्ष 2017-18 में विभाग की ओर से कराए गए सर्वे की मानें तो यूपी में मलेरिया से ग्रसित मंडलों में बरेली शीर्ष पर था, बरेली मंडल में मलेरिया के 70,000 पॉजीटिव केस पाए गए थे.

वर्जन :

विभाग में 181 पद हैं जिनमें से 163 पद रिक्त हैं. करीब 12 बार शासन से लेकर विभाग से नियुक्ति की मांग की गई लेकिन इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया.

देशराज सिंह, डीएमओ

Posted By: Radhika Lala