स्पाइडर मैन हल्क एक्समैन डेयरडेविल्स फैन्टास्टिक फोर आयरन मैन थोर डॉक्टर स्टैंज और कैप्टन अमेरिका जैसे कई सुपरहीरोज के जनक के रूप में स्‍टैन ली को पूरी दुनिया जानती है। कार्टून की दुनिया का यह जन‍क आज हमारी आपकी दुनिया से चला गया है।


कानपुर। इस बरस इंफिनिटी वार्स के क्लाइमेक्स में काफी सारे दर्शक बहुत नाराज होते दिखे। मुद्दा ये था कि थानोस ने आधे सुपर हीरोज का सफाया कर दिया था। उस सीन में जब स्पाइडर मैन मरता है , तो दर्शक रो पड़ते हैं। ऐसा है कार्टून कैरेक्टर्स से हमारा प्यार। 12 नवंबर 2018 को मारवल कॉमिक्स के मास्टर आर्टिस्ट और एडीटर स्टैन ली हमको छोड़ कर चले गए। स्टैन ने कार्टून्स के जरिए ताजिंदगी अपना नजरिया सोसाइटी के सामने रखा, ह्यूमन राइट्स से लेकर सोशल इक्वलिटी की बात हो। सत्य पर असत्य की विजय की बात हो या दुनिया पर खतरे का अलार्म हो, स्टैन ली ने हर एक पहलू पर बात की। स्टैन के चाहनेवालों की कमी नहीं है इसलिये उनके जाने के बाद उनको याद करते हुए मैने अपने दोस्तों से उनका जिक्र भर किया तो उन्होंने अपने स्टैन ली को मुझसे मिलवाया। सबकी बात करूंगा तो ये पूरा पेज भर जाएगा इसलिए मैं अपने मित्र प्रफुल बवेजा से हुई अपनी बात को आपके सामने रखना चाहूंगा। प्रफुल स्टैन ली के जबरदस्त फैन हैं।

स्टैन ली ने हमें दिखाया अपने भीतर का सुपर हीरो
प्रफुल ने उनको श्रधांजलि देते हुए कहा, 'स्टैन ली ने हमें सिखाया कि हर इंसान के भीतर एक हीरो छुपा हुआ है। समाज के किसी भी तबके से कोई भी इंसान उस दिन हीरो बन जाता है जिस दिन उसे एक वजह मिल जाती है।' सैकड़ों ऐसे बच्चे जो बचपन मे किसी भी प्रकार की बुलिंग का शिकार रहे हैं, उनके लिए ये सुपरहीरो कैरक्टर्स इन्सपिरेशन का जरिया हैं। 'विथ ग्रेट पावर कम्स ग्रेट रिस्पांसिबिलिटी', इस बात का एहसास बुलीज को भी इन्हीं कॉमिक बुक के जरिए होता रहा है। कॉमिक बुक्स को महज कॉमिक बुक्स न समझते हुए स्टैन ने जिंदगी मे हर किस्म की एबिलिटी को एक सुपरपावर समझा और इसी कारण से एक एक सुपरहीरो का जन्म हुआ ऐसा कहना गलत नहीं होगा। प्रफुल आगे कहते हैं, कि स्टैन ली ने हमेशा सुपरविलेन भी इसीलिए क्रिएट किये जिससे हमें अपने ऊपर मंडराने वाले भयंकर खतरों का भी अहसास होता रहे। उनके ही शब्दों में कहें तो..."Life is never complete without its challenges."

अपने रीडर्स को समझने दिया सही और गलत का फर्क


एक और बहुत यूनिक बात थी, स्टैन ली ने कभी कोई साइड नहीं ली, सही क्या है और गलत क्या इस बात को अपने रीडर्स और दर्शकों पर छोड़ा। अपनी समझ बूझ से आप चुनें कि आप किसकी तरफ हैं। LGBTQ कम्युनिटी से इन्सपिरेशन लेके उन्होंने एक्समेन बनाये, ये वो समय था जब उनको बीमार और अलग समझा जाता था, गौरतलब हो कि एक्समैन भी LGBTQ के बारे सोसाइटी में बंटे हुए दो भागों की तरह दो भागों में बांटा गया डिफेंसिव और ऑफेंसिव, पर जब भी इनके साथ आने की जरूरत हुई तो वो इन दोनों समूहों को साथ भी लाये 'फॉर अ ग्रेटर गुड'। स्टैन ली ने खुद कहा है, "I wanted them to be diverse. The whole underlying principle of the X-Men was to try to be an anti-bigotry story to show there’s good in every person."

बुराई से अच्छाई की जंग में स्टैन ली के बनाए किरदारों ने खूब जीता दिल


फिल्मों की दुनिया मे स्टैन ली के किरदारों से खूब प्रेरणा ली गई। हीरो और विलेन की सच्ची परिभाषा के लिए फिल्मी दुनिया ने कार्टून किरदारों की ओर देखा है। बुराई से अच्छाई की जंग बेसिक प्लाट है हर उस फिल्म की जो इन किरदारों पर बेस्ड हैं। आज की तारीख में यही मूवीज साल की सबसे बडी हिट बन कर उभर रही हैं। ये कहानियां दशकों बाद भी सेलेबल हैं। कॉमर्स के हिसाब से भी ये कहानियां मालामाल कर रही हैं फिल्म मेकर्स को। फिल्म हो या TV हर इन्टरटेंमेंट मॉड्यूल में स्टैन के कार्टून्स को इज्जत दी गई है, चाहे वो बिग बैंग थ्योरी हो या कार्टून पर बेस्ड सीरीज जैसे फ्लैश। यंग शेल्डन में तो छोटे बच्चों की जिंदगी मे कार्टून सीरीज के असर पर पूरा प्लाट तैयार किया गया है। इस सब का रीजन है कि इन किरदारों का सुपरहीरो होने के बावजूद जमीन से जुड़ा होना। गीक होने में कोई बुराई नहीं है, अलग होने में भी कोई बुराई नहीं है, हर कमज़ोरी को पावर बनाया जा सकता है और हर बुराई को खत्म करने के लिए हिम्मत लगती ही है। बिना हिम्मत के कोई सुपरहीरो नहीं बनता और हर सुपरविलेन के पीछे भी कोई न कोई वजह जरूर होती है। स्पाइडरमैन हो या ऑक्टोपस, एक है तो ही दूसरे का अस्तित्व है। डॉक्टर एक्स हो या मैग्नेटो जरूरत के वक्त में साथ आते ही हैं। यहां एमपेथी ही सबसे बड़ी़ वर्च्यू है। प्राइड सब्जेक्टिव है, और रेस्पेक्ट एक यूनिवर्सल जरूरत है इस दुनिया मे। ऐसी कितनी ही बातें स्टैन ने अपने कार्टून्स के ज़रिए कहीं। फ्रैंकली बोलें तो स्टैन ली अमर तो कबके हो चुके हैं और उनकी प्रेजेंस को कॉमिक बुक्स की दुनिया हमेशा उनके किरदारों में ढूंढ ही लेगी।

Stan Lee said : Keep moving forward, and if it's time to go, it's time. Nothing lasts forever."

Story by : Yohaann BhaargavaTwitter : @yohaannn

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Posted By: Chandramohan Mishra