- कई बैंक नहीं दे रहे पूरे साढ़े चार हजार रुपये

- लखनवाइट्स को पांच सौ रुपये की नोट के दर्शन अब तक नहीं

- ब्रांचों में उंगली में लगाने के लिए स्याही भी नहीं

LUCKNOW : लगभग एक हफ्ता बीतने के बाद भी करेंसी एक्सचेंज को लेकर आम जनता की दिक्कते कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। बुधवार को राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में लोगों का गुस्सा देखने को मिला। कहीं बैंक खुलने के समय गुस्सा था और कहीं बंद होने के समय लोग गुस्से में थे। सबकी शिकायत यही कि घंटों लाइन में लगने के बाद भी पैसे नहीं मिल रहे हैं। वहीं आज से उंगलियों पर स्याही लगायी जानी थी, उन लोगों के हाथों पर जो पैसे एक्सचेंज करा रहे हैं, लेकिन यह स्याही ज्यादातर बैंकों में पहले दिन यूज नहीं हो पायी। स्याही लगाने में बैंकों के सामने कई तरह की दिक्कतें भी आ रही हैं।

बैकों में भी खत्म होने लगी करेंसी

बैंकों में करेंसी की क्राइसेस भी होने लगी है। नयी करेंसी और सौ रुपये की नोट बैकों को जरूरत के हिसाब से नहीं पहुंच पा रही हैं। यही वजह है कि बैंक कर्मी सभी ग्राहकों को संतुष्ट करने के लिए साढ़े चार हजार रुपए के स्थान पर चार हजार रुपये ही दे रहे हैं। एक बैंक अधिकारी का कहना है कि अब करेंसी क्राइसेस भी शुरू हो गयी है, जिसकी वजह से परेशानी बढ़ रही है। लोगों को धैर्य बनाये रखने की जरूरत है। पंजाब नैशनल बैंक में करेंसी शॉर्टेज की वजह से पैसे एक्सचेंज कराने आये लोगों को पूरे पैसे नहीं दिये गये। गवर्नमेंट ने 4500 रुपये एक्सचेंज करने के निर्देश दिये हैं। लेकिन बैंक दो हजार रुपये और चार हजार रुपये में लोगों को टरका रहे हैं।

सबसे ज्यादा प्रॉब्लम चौक में

सबसे ज्यादा प्रॉब्लम पुराने लखनऊ में आ रही है। भीड़ हजरतगंज और दूसरे इलाके के बैंकों में भी है, लेकिन चौक और पुराने लखनऊ के इलाकों में दिक्कत ज्यादा है। लोगों के पास पैसे हैं, 500 और 1000 रुपये की करेंसी कोई लेने को तैयार नहीं है। लाइन में लगे लोगों की शिकायत है कि बैंकों में काम धीमा हो रहा है जिसकी वजह से लोगों को परेशानी अधिक हो रही है। एसबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि बैंकों के चेस्ट पुरानी नोटों से भर गये हैं, नयी करेंसी की शॅर्टेज है। पांच सौ की नोट अभी पहुंची नहीं है, दो हजार रुपये की नोट लोग ले नहीं रहे। ऐसे में आने वाले दिनों में दिक्कतें और बढ़ सकती हैं।

स्याही भी नहीं लग रही

वित्त मंत्रालय ने एक से अधिक बार लोग करेंसी एक्सचेंज न करायें, इसके लिए उंगली में स्याही लगाने के निर्देश दिये थे, लेकिन लखनऊ में उस आदेश का असर अधिकतर बैंकों में नहीं दिखा। नरही स्थित पंजाब नेशनल बैंक में भी पैसे एक्सचेंज कराने वालों की उंगलियों पर स्याही नहीं लगायी जा रही थी। इसी तरह चौक में भी कई बैंकों में नोट एक्सचेंज कराने वालों की उंगलियों पर स्याही नहीं लगायी जा रही थी।

नहीं हुए पांच सौ के नोट के दर्शन

पांच सौ रुपये की करेंसी लखनवाइट्स के लिए अभी भी दूर की कौड़ी नजर आ रही है। पहले खबर थी कि पांच सौ की करेंसी प्राइवेट बैंकों को दी गयी है, लेकिन लखनऊ का शायद ही कोई बैंक हो जो पांच सौ रुपये की नयी करेंसी से लोगों को पेमेंट कर रहा हो। इस बारे में कोई अधिकारी बोलने के लिए तैयार नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि सारी चीजों पर आरबीआई की नजर है। एक अधिकारी ने नाम ना छापे जाने की शर्त पर बताया कि पांच सौ की नोट काफी कम संख्या में अभी छपे हैं, कुछ महानगरों में भेजा गया है। जल्द ही लखनऊ भी पांच सौ की करेंसी पहुंचेगी इसकी उम्मीद हम सब कर सकते हैं।

Posted By: Inextlive