-जिले से गुजरने वाले जर्जर नेशनल हाइवे पर प्रशासन बोर्ड लगाकर बताएगा कौन जिम्मेदार है?

- केंद्र सरकार के खिलाफ नेशनल हाइवे पर मोर्चा खोलने की तैयारी में प्रदेश सरकार

-पीडब्ल्यूडी अफसरों के खिलाफ दंड प्रक्रिया के तहत दर्ज कराएंगे कंप्लेन

GORAKHPUR: नेशनल हाइवे को लेकर प्रदेश सरकार अब केंद्र सरकार से दो-दो हाथ करने के मूड मेंदिख रही है। यही वजह है कि प्रदेश सरकार अब जर्जर नेशनल हाइवे की हालत के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराने के साथ इसकी जानकारी पब्लिक को भी देगी। प्रदेश के नगर विकास सचिव ने प्रदेश के सभी निकायों को पत्र लिखकर नेशनल हाइवे के जिम्मेदारों पर अधिनियम के तहत कार्रवाई और होर्डिग लगाकर जिम्मेदारों को चिन्हित करने का आदेश दिया है।

जर्जर एनएच का होगा सर्वे, तैयार करेंगे रिपोर्ट

नगर विकास विभाग के सचिव प्रकाश सिंह ने नगर निगम, नगरपालिका और नगर पंचायत के अधिकारियों को पत्र लिखकर आदेश दिया है। इस आदेश में उन्होंने कहा कि अफसर अपने निकाय की सीमा से गुजरने वाले जर्जर एनएच का सर्वे करके एक रिपोर्ट तैयार करें। उसके बाद जर्जर हो चुके एनएच के लोकल अफसरों पर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा क्फ्फ् और अन्य अधिनियमों के तहत दंडात्मक कार्रवाई करें। इसके साथ ही खराब एनएच के किनारे बोर्ड पर लिखवाएं कि 'यह सड़क केंद्र सरकार की है और इसके रखरखाव की जिम्मेदारी भी उनकी ही है.' जिलाधिकारी को इस कार्रवाई की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। नगर क्षेत्रों से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गो की स्थिति दयनीय हो चुकी है। बीते दो वर्षो से मरम्मत के नाम पर केंद्र सरकार ने कुछ नहींकिया है। कुछ एनएच की हालत यह हो गई है कि उस पर व्हीकल्स को सामान्य गति से चलाना भी मुश्किल है।

गोरखपुर से गुजरते हैं फ् नेशनल हाइवे

यह आदेश आते ही आई नेक्स्ट ने गोरखपुर जिले से गुजरने वाले नेशनल हाइवे की स्थिति का जायजा लिया। हमने पाया कि इन रोड्स की हालत ऐसी है कि यहां गाडि़यों को रेंगना पड़ता है। पेश है गोरखपुर जिले से निकलने वाले तीन हाइवे का हाल ए हकीकत।

हाइवे का नाम- एनएच: ख्9

कहां से कहां तक- गोरखपुर से बनारस

डेली गुजरने वाले व्हीकल्स की संख्या- भ् हजार

वर्तमान स्थिति- यह गोरखपुर को बनारस से जोड़ता है। गोरखपुर रेलवे स्टेशन से शुरू होकर गोलघर, मुंशीप्रेम चंद पार्क होते हुए नौसढ़ से बडहलगंज के लिए मुड़ जाता है। यह गोलघर में तो सही है, लेकिन बेतियाहाता के बाद सड़क पर गढ्डे दिखने शुरू हो जाते हैं। नौसढ़ के बाद इस सड़क गढ्डों में तब्दील हो गई है। आई नेक्स्ट ने इस सड़क की गढ्डों की कहानी पब्लिश की थी, फिर भी अफसरों की नींद नहीं खुली।

हाइवे का नाम- एनएच:ख्8

कहां से कहां तक - लखनऊ-गोरखपुर होते हुए बिहार

गुजरने वाले व्हीकल्स की संख्या- कम से कम क्0 हजार से अधिक गाड़ी

वर्तमान स्थिति- यह रोड लखनऊ से गोरखपुर होते हुए बिहार के लिए जाती है। यह नेशनल हाइवे नगर निगम सीमा में नौसढ़ से लेकर एयरफोर्स एरिया तक है। यह भी राजघाट पुल से लेकर पैड़लेगंज तक गडढों में तब्दील हो चुका है।

हाइवे का नाम- एनएच:ख्9 (श्व)

कहां से कहां तक - गोरखपुर से नेपाल बॉर्डर

गुजरने वाले व्हीकल्स की संख्या- कम से कम ख्0 हजार से अधिक गाड़ी

वर्तमान स्थिति- यह नेशनल हाइवे गोरखपुर को नेपाल बॉर्डर से जोड़ता है। मोहद्दीपुर चौराहे से शुरू होकर रेलवे स्टेशन होते हुए गोरखनाथ मंदिर, राजेंद्र नगर होते हुए सोनौली बॉर्डर तक जाता है। रेलवे स्टेशन के सामने गड्ढों में तब्दील हो गई है।

प्रदेश में ब्0 एनएच हैं

प्रदेश में जो भी सड़कें हैं, उनके निर्माण और रखरखाव की जिम्मेदारी केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों की है। राज्य सरकार की सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी विभाग करता है। वहीं नेशनल हाइवे के रखरखाव और निर्माण की जिम्मेदारी एनएचएआई (नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) करता है। प्रदेश में कुल 78म्फ् किमी लंबी सड़कें ब्0 नेशनल हाइवे के अंतर्गत आती हैं। जब भी इनके रखरखाव की बात की जाती है तो विभाग और अफसर इसका ठीकरा एक दूसरे पर फोड़ते नजर आते हैं। जबकि पब्लिक इन हाइवे की जर्जर हालत पर कई बार अफसरों और विभाग से कंप्लेन कर चुकी है, लेकिन किसी के कानों पर जूं तक नहींरेंगती है।

नगर विकास सचिव का पत्र आया है। जिसमें नगर निगम की सीमा के अंदर गुजरने वाली जर्जर नेशनल हाइवे पर बोर्ड लगाने और एनएच हाइवे के अफसरों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की बात कही गई है।

राजेश कुमार त्यागी, म्यूनिसिपल कमिश्नर

नगर निगम सीमा के अंदर आने वाले नेशनल हाइवे के रखरखाव की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी की है। पीडब्ल्यूडी को इसके लिए बजट भी मिलता है। नेशनल हाइवे के पास जितनी सड़कें हैं, उनकी मरम्मत का काम किया जा रहा है।

एके कुशवाहा,

प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई

Posted By: Inextlive