मध्य प्रदेश राज्य सरकार की सिफ़ारिश के बाद चुनाव आयोग ने दतिया जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया है.


रविवार को दतिया के रतनगढ़ मंदिर के पास मची भगदड़ में 115 लोगों की मौत के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने चुनाव आयोग से दतिया के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, एसडीओपी और एसडीएम को निलंबित करने की सिफ़ारिश की थी.राज्य में आगामी चुनावों के लिए आचार संहिता लगी होने के कारण राज्य सरकार स्वयं अधिकारियों को निलंबित नहीं कर सकती थी इसलिए चुनाव आयोग से सिफ़ारिश की गई थी.चुनाव आयोग ने जिलाधिकारी संकेत भोंडवी, पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर सोलंकी, एसडीएम सेवडा महीप और एसीडीओपी डीएम बसावे को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए.इस हादसे में मरने वालों की संख्या 115 हो गई है और बाईस लोग अभी भी घायल हैं जिन्हें आस-पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.भगदड़


दतिया ज़िले में हुए हादसे पर राजनीतिक दंगल भी शुरू हो गया है. काग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस हादसे के लिए पुलिस को ज़िम्मेदार ठहराया है.दिग्विजय सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा, "रतनगढ़ माता मंदिर में हादसे की वजह? पुलिस हर ट्रैक्टर से दो सौ रुपये लेकर उसे 'नो ट्रैफ़िक ज़ोन' यानी यातायात निषेध क्षेत्र में जाने दे रही थी. एमपी में सुशासन है?"

लेकिन राज्य के गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने दिग्विजय सिंह के आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, "दिग्विजय सिंह के बयान को गंभीरता से न लें. स्थिति अब सामान्य है. तलाश अभी जारी है क्योंकि कई लोग नदी में गिर गए थे."सोमवार को दतिया के रतनगढ़ पहुँचे बीबीसी संवाददाता ज़ुबैर अहमद के मुताबिक मंदिर पहुंचने पर ऐसा नहीं लगता है कि इससे कुछ ही दूर पर एक दिन पहले इतना बड़ा  हादसा हुआ था.दशहरे के मौके पर यहां लोग मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहे हैं और उत्सव मना रहे हैं. रंगे-बिरंगे कपड़ों और तमाम आभूषणों से लदे लोग मंदिर परिसर में तालियाँ बजाते हुए गीत गा रहे हैं और ढोलक बजा रहे हैं.

Posted By: Subhesh Sharma