>RANCHI: ख्007 में हज जाने वाले आजमीनों के लिए सिटी के कडरू में हज हाउस का निर्माण शुरू किया गया था। उस समय झारखंड गवर्नमेंट की तत्कालीन कल्याण मंत्री जोबा मांझी और आवास बोर्ड के अध्यक्ष नजम अंसारी थे। हज हाउस के निर्माण के लिए ब्.88 करोड़ रुपए का डीपीआर बनाया गया था। चार मंजिला हज हाउस का निर्माण कार्य जुलाई ख्007 में शुरू हुआ। लेकिन, विशेषज्ञों ने इसके नक्शा पर ही सवाल उठा दिया। उनका तर्क था कि इसके ड्राइंग रूम में खामियां हैं। लेकिन निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। नतीजा हुआ कि साल ख्009 में ही हज हाउस के पोर्टिको का हिस्सा गिर गया। इसके बाद निर्माण की जांच को लेकर एक कमेटी बनी। साल ख्0क्0 में इस कमेटी ने रिपोर्ट दी। लेकिन इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद हज हाउस का निर्माण करने वाली स्टेट हाउसिंग बोर्ड ने झारखंड गवर्नमेंट से और तीन करोड़ की मांग की। स्टेट हाउसिंग बोर्ड ने इसे मान लिया और हज हाउस के निर्माण का बजट 8 करोड़ रुपए हो गया। लेकिन, आज आठ साल बीतने के बाद भी हज हाउस के एक फ्लोर का काम पूरा नहीं हो पाया है। आधे-अधूरे हज हाउस में ही पिछले कुछ सालों से हज यात्रियों को ठहराया जा रहा है। यहां हज यात्रियों को कई सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

पूर्व मंत्री हाजी हुसैन अंसारी पर है आरोप

हज हाउस की बदहाली का आरोप राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी पर लगा है। उन्होंने अपने बेटे शब्बीर अली को हज हाउस के निर्माण की मॉनिटरिंग का काम सौंपा था। शब्बीर हाउसिंग बोर्ड में कॉन्ट्रैक्ट पर सहायक इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे। उन्हीं के कार्यकाल में हज हाउस का छज्जा साल ख्009 में गिरा था, जिसके बाद काफी विवाद भी हुआ था।

दोगुनी हुई लागत, पूरा नहीं हुआ निर्माण

साल ख्007 में जब हज हाउस का निर्माण शुरू हुआ था, तब इसकी लागत ब्.88 करोड़ आकी गई थी। अब इसकी लागत 8.क्म् करोड़ हो चुकी है, जिसे साल ख्0क्ख्-क्फ् में ही पूरा होना था। अब तक निर्माण कार्य चल ही रहा है।

Posted By: Inextlive