- भड़काऊ पोस्टर लगाने वाले चार आरोपी गिरफ्तार

- मौके से भाग निकले अन्य आरोपी के लिए कॉम्बिंग जारी

- अल्मोड़ा में कई स्थान पर लगाए गए भड़काऊ पोस्टर्स

- डीजीपी ने थपथपाई टीम की पीठ चौकी इंचार्ज को इनाम

DEHRADUN : चुनाव से पूर्व अल्मोड़ा की वादियों में माओवादी विचारधारा के पोस्टर लगाने वाले आखिरकार पुलिस

की गिरफ्त में आ गए। डीजीपी बीएस सिद्धू की कड़ी फटकार के बाद नींद से जागी स्थानीय पुलिस ने ग्राम पाटिया के एक घर पर छापा मारा, जहां से कई आपत्तिजनक पोस्टर, पैंपलेट, लाल स्याही, लकड़ी की कलम, लेही, क्रांतिकारी किसान संगठन की कई प्रतियां, सफेद कागज व अन्य सामग्री बरामद की गई। टीम ने यहां से कुल तीन लोगों को अरेस्ट किया। बाद में इनकी निशानदेही पर भागने का प्रयास कर रहे एक अन्य को भी पकड़ लिया।

आबादी से दूर मकान था ठिकाना

अल्मोड़ा सिटी सोमेश्वर, ताकुला, बसोली, कपड़खान, पनुवानौला सहित कुछ अन्य स्थानों पर माओवादी विचारधारा के पोस्टर लगाने वालों ने पाटीया गांव में ठिकाना बना रखा था। सटीक सूचना मिलने के बाद जब एसओजी, एलआईयू, एसओटीएफ व अल्मोड़ा पुलिस ने इस घर पर रेड डाली, तो वहां मौजूद सभी भागने लगे। इनमें से तीन को वहां मौजूद संयुक्त टीम ने धर दबोचा। मौके से मकान मालिक गोविंद राम पुत्र स्व। दीवान राम, जगदीश राम उर्फ जोगा राम पुत्र गुंसाई राम व दीवान सिंह बिष्ट पुत्र स्व। गुंसाई सिंह बिष्ट को गिरफ्तार किया गया। भाग निकले अन्य की तलाश में टीम कई स्थान पर दबिश दे रही है।

और अधिक पोस्टर लगाने की थी तैयारी

छापे की कर्रवाई के दौरान मौके पर भारी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री मिली। पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में पता लगा कि सीपीआई(माओवादी) नाम की पार्टी से ताल्लुक रखने वाले सभी आरोपी जिले के अन्य कई इलाके में भी आपत्तिजनक पोस्टर लगाने की तैयारी कर रहे थे, जिनका मकसद जनता में सनसनी फैलाना था। आगे की गई पड़ताल में हैरान करने वाली जानकारी ये मिली कि जीवन चंद्र आर्य पुत्र दानवीर आर्य, खेम सिंह बोरा पुत्र पूरन सिंह बोरा व देवेंद्र चम्याल उर्फ राजेश उर्फ पंकज पुत्र मदन सिंह इलाके में माओवादी विचार धारा का प्रचार-प्रसार करने में जुटे हैं।

फिर सामने आए दो चर्चित नाम

दरअसल, प्रदेश में माओवादी विचारधारा की शुरुआत वर्ष ख्00ब् में हुई थी। तब पुलिस ने नैनीताल के चौखुटिया में एक कैंप को नष्ट किया था। वर्ष ख्007 में नानकमत्ता थाने के अंतर्गत सात संदिग्धों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें से एक का आज तक पता नहीं लग सका। पुलिस को कुल छह लोगों की जानकारी हाथ लगी, जिसमें से चार गिरफ्तार हुए और दो आज भी फरार हैं। खेम सिंह बोरा और देवेंद्र चम्याल उर्फ राजेश वही दोनों बताए गए। लंबे समय बाद इन दोनों का नाम एक बार फिर से सामने आने पर खुफिया एजेंसीज खासा हैरान हैं। बकौल डीजीपी उन्हें गिरफ्त में लेने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

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आसान नहीं है पूरी तरह लगाम कस पाना

करीब सात साल बाद खेम सिंह और देवेंद्र नाम एक बार फिर से प्रकाश में आने के बाद ये माना जा रहा है। माओवादी विचारधारा को पूरी तरह समाप्त कर पाना आसान नहीं होगा। गौरतलब है कि तीन दिन पूर्व अल्मोड़ा के अलग-अलग स्थानों पर संसदीय चुनाव का बहिष्कार करो, जन युद्ध तेज करो, ये लोकतंत्र नहीं लूटतंत्र है के साथ जन सामान्य को भड़काने वाले पैंपलेट मिले थे, जिस तरह से इस पूरे कारनामे को अंजाम दिया गया उससे साफ हो गया कि लोगों में अलग तरह की विचारधारा फैलाने का प्रयास करने वाले अपने काम को पूरी मुस्तैदी के साथ अंजाम दे रहे हैं। प्रदेश के पुलिस मुखिया बीएस सिद्धू ने ताकुला के चौकी प्रभारी रमेश सिंह नेगी को उनके बेहतर कार्य के लिए दस हजार रुपए नगद इनाम देने की घोषणा की है।

पुलिस द्वारा आपत्तिजनक पोस्टर लगाने वाले चार आरोपियों को अरेस्ट किया गया है। इसके साथ ही मौके से भाग निकले अन्य को पकड़ने के लिए लगातार दबिश दी जा रही है। पुलिस किसी भी हाल में ऐसे विचारधारा के लोगों को पनपने नहीं देगी।

-बीएस सिद्धू, डीजीपी उत्तराखंड

Posted By: Inextlive