RANCHI:साल 2014 में अपना झारखंड सिर्फ राष्ट्र ही नहीं, बल्कि विश्व फलक पर भी छाया रहा। एक ओर जहां खिलाडि़यों ने अपने परफारमेंस से विश्व पटल पर राज्य की अमिट छाप छोड़ी। वहीं, राष्ट्रीय स्तर पर राजनीति का सबक छोड़ने वालों की भी कमी नहीं रही। इतना ही नहीं, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत कर और भोजपुरी संगीत में भी झारखंड के लाल ने राज्य का मान बढ़ाया है। पेश है आई नेक्स्ट की रिपोर्ट।

गोलू ब्लाइंड व‌र्ल्ड कप विजेता टीम के सरताज

साउथ अफ्रीका में ब्लाइंड व‌र्ल्ड कप क्रिकेट टूर्नामेंट की विनर भारतीय टीम के मेंबर गोलू कुमार ने अपने टैलेंट की बदौलत खुद को साबित किया। केवल 18 साल की उम्र में ही गोलू ने वह मुकाम हासिल कर लिया, जिसे पाने में कई लोगों की उम्र गुजर जाती है। गोलू ने व‌र्ल्ड कप के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ शानदार गेंदबाजी के दम पर टीम को जीत दिलाई। रांची के रहने वाले इस प्लेयर को प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने दिल्ली में सम्मानित किया।

पुष्पा ने एशियाई फुटबाल में लहराया परचम

पुष्पा तिर्की झारखंड की पहली महिला फुटबॉलर हैं, जिन्होने एशियाई खेल में पार्टीसिपेट किया। आमतौर पर महिला फुटबाल में झारखंड को कमजोर माने जाने का मिथक तोड़ते हुए पुष्पा ने चीन में अभ्यास के दौरान शानदार प्रदर्शन किया। बतौर गोलकीपर एशियाई खेल में भी पुष्पा ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन बनाए रखा। गुमला के सुदूर गांव से आने वाली पुष्पा उन युवा खिलाडि़यों के सामने आदर्श के रूप में आई, जो विपरित परिस्थितियों में अपना हौसला छोड़ देते हैं।

सुमित्रा ने सैफ खेलों में किया नाम रौशन

सुमित्रा मरांडी ने सीनियर सैफ फुटबाल चैंपियनशिप में भारत को रिप्रेजेंट किया। नवंबर में पाकिस्तान में हुए इस कॉम्पटिशन में भारतीय टीम के लिए गोल्ड मेडल अपने नाम किया। सुमित्रा यूथ आइकॉन के रूप में सामने आई। वह इस साल की दूसरी महिला फुटबॉलर थीं, जो भारतीय टीम के लिए सेलेक्ट हुई। इससे पहले वह फ्रांस में हुए व‌र्ल्ड स्कूल चैंपियनशिप में भी भारतीय फुटबाल टीम की मेंबर रह चुकी हैं।

मोनी ने बनाई अंडर-19 टीम में जगह

क्रिकेट के फिल्ड में मोनू कुमार ने इंडिया की अंडर-19 टीम में अपनी जगह बना कर झारखंड का नाम रौशन किया है। दुबई में हुए अंडर-19 व‌र्ल्ड कप में मोनू को जगह मिली। अपनी तेज गेंदबाजी के कारण मोनू सिंह ने टीम इंडिया में जलवा दिखाया। मोनू इससे पहले चार बार बीसीसीआई के बेंगलुरू स्थित नेशनल क्रिकेट एकेडमी के लिए सेलेक्ट हुए थे। अंडर-19 व‌र्ल्ड कप के मैच में भी मोनू का बेहतर परफारमेंस देखने को मिला था।

राजनीति में आते ही छा गए जयंत सिन्हा

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा का राजनीति में आना और छा जाना हर किसी को हैरत में डाल रहा है। 2014 के लोकसभा चुनाव की घोषणा के कुछ महीने पहले ही उन्होंने ओमेडियार नेटवर्क के इंडिया हेड पद से रिजाइन किया और पिता पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा की सीटिंग सीट हजारीबाग से भाजपा के कैंडीडेट बने। हजारीबाग लोकसभा सीट पर उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी सौरव नारायण सिंह, जो तीन टर्म तक विधायक रहे थे, उन्हें 1 लाख 59 हजार वोट के अंतर से हराया और लोकसभा पहुंच गए।

छह महीने में ही मोदी टीम में

जयंत सिन्हा ने जिस अंदाज में चुनाव जीत कर सभी को चौंका दिया, उसी तरह केंद्रीय मंत्री बन कर भी सभी को हैरान कर दिया। छह महीने के अंदर ही मोदी कैबिनेट मे उनको जगह मिल गई और उन्हें भारत सरकार में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री जैसा अहम पद मिल गया। जबकि झारखंड से ही जो 12 सांसद जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं, उनमें से छह बार चुनाव जितने वाले सांसद भी मंत्री नहीं बन पाए।

Posted By: Inextlive