Patna: रास्ते पर पत्थर ही क्यों ना बिछा हो मेहनत करने वाले कभी डरते नहीं और अपने लिए रास्ता बना ही लेते है. रुकावटें तो बहुत आती हैं लेकिन अंत में जीत मेहनत करने वालों की ही होती है.


बस पढ़ाई करता रहाकुछ ऐसा ही रंग बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड के मैट्रिक का स्टेट टॉपर अभिषेक कुमार की मेहनत ने दिखाया है। ना दिन देखा और ना रात, बस पढ़ाई करता रहा। रिजल्ट पर ध्यान नहीं दिया, बस अपनी मेहनत पर भरोसा रहा। इस रिस्पांसिबल स्टडी के कारण ही वह टॉपर बन सका। गरीबी ने दिया पढ़ाई का हौसला दिन भर खेत पर काम और रात भर पढ़ाई करना, अभिषेक कुमार की रुटीन में शामिल था। गरीबी इस कदर हावी थी कि वो घर का काम और पढ़ाई के अलावा कुछ नहीं करता था। सुबह 4 बजे उठना और फिर 10 बजे तक पढ़ाई करता था अभिषेक। उसके बाद उसकी डयूटी खेत पर लगती थी। 10 बजे से 3 बजे तक खेत पर काम करने के बाद अभिषेक दुबारा पढ़ाई शुरु करता। वह रात में तब तक पढ़ता जब तक उसे नींद ना आ जाती थी।


आईएएस बनना है target  

अभिषेक का फाइनल टारगेट सिविल सर्विसेज में जाना है। आईएएस बनकर वह देश की सेवा करना चाहता है। अभिषेक को एडवेंचर भी पसंद है, इसलिए वह एनसीसी से भी जुड़ा हुआ है। अभिषेक ने बताया कि मेरी इकोनॉमिकल कंडीशन कमजोर है। इसलिए मैं इंजीनियरिंग या मेडिकल की पढ़ाई नहीं कर सकता। लेकिन आईएएस बन कर देश की सेवा जरूर करूंगा। Fixed planning अभिषेक हर दिन पढ़ाई की रुटीन खुद बनाता था। हर सब्जेक्ट के लिए एक सेल्फ प्लानिंग करता था। उसी के अनुसार हर दिन की पढ़ाई होती थी। अभिषेक कुमार ने बताया कि हर सब्जेक्ट पर बराबर टाइम देता था। हर दिन एक फ्रेश प्लानिंग और उसी के अनुसार दिन भर की पढ़ाई होती थी। Only study  एग्जाम की तैयारी के लिए अभिषेक ने अपना हर फेवरेट काम छोड़ दिया था। ना तो क्रिकेट खेलता था और ना ही कबड्डी पर टाइम देता था। अभिषेक बताते हैं कि एग्जाम आते ही उसने सारे खेल बंद कर बस पढ़ाई की। खेल के साथ दोस्तों से मिलना जुलना तक बंद कर दिया था।Profileनाम  - अभिषेक कुमारफादर - सुरेश प्रसाद, शॉकीपर मदर  - गीतांजलि कुमारीआइडियल पर्सन  - मां और आरबी सिंह सरफेवरेट सब्जेक्ट  - मैथ्स हॉबी - क्रिकेट और कबड्डी खेलना

Posted By: Inextlive